(अनीसुर रहमान)
ढाका, पांच अगस्त (भाषा) बांग्लादेश की राजधानी में सोमवार को उपद्रवी भीड़ ने एक भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में तोड़फोड़ की और देशभर में चार हिंदू मंदिरों को “मामूली” क्षति पहुंचाई। प्रत्यक्षदर्शियों और समुदाय के नेताओं ने यह जानकारी दी।
हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद की नेता काजोल देबनाथ ने कहा कि उन्हें खबर मिली है कि देशभर में कम से कम चार हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया।
उन्होंने बताया, “ये मामूली क्षति है।”
हालांकि, प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति को लेकर हिंदू समुदाय के कुछ नेता चिंतित हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बांग्लादेश की राजधानी के धानमंडी इलाके में स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र (आईजीसीसी) और बंगबंधु स्मारक संग्रहालय को एक उपद्रवी भीड़ ने सोमवार को क्षतिग्रस्त कर दिया।
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, सोमवार अपराह्न प्रदर्शनकारियों ने ढाका में कई प्रमुख स्थानों पर आगजनी की, जिसमें धानमंडी 32 स्थित बंगबंधु भवन भी शामिल है, जिसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है।
यह संग्रहालय हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान को समर्पित है, जिनकी 1975 में राष्ट्रपति रहने के दौरान हत्या कर दी गई थी।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़ना पड़ा है। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने घोषणा की कि अंतरिम सरकार बनाई जा रही है और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा बंद करने का आग्रह किया।
इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र का मार्च 2010 में औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया था। यह सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सांस्कृतिक संगोष्ठियों, कार्यशालाओं का आयोजन करने तथा योग, हिंदी भाषा, भारतीय शास्त्रीय संगीत और कथक तथा मणिपुरी जैसे भारतीय नृत्यों के लिए भारतीय गुरुओं, पेशेवरों और प्रशिक्षकों को नियुक्त कर भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देता है।
इसमें बांग्लादेश के उच्च श्रेणी के पेशेवर भी शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय गुरुओं या भारतीय विश्वविद्यालयों से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
यह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का सांस्कृतिक केंद्र है। इस केंद्र में भारतीय कला, संस्कृति, राजनीति, अर्थशास्त्र और कथा साहित्य के क्षेत्रों में 21,000 से अधिक पुस्तकों वाला एक पुस्तकालय है।
भाषा प्रशांत सुभाष
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