बांग्लादेश में कारोबारी नकदी की कमी से प्रभावित |

Ankit
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ढाका, 12 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश में शेख हसीना नीत सरकार के पतन के बाद देश में अनिश्चितता के बीच बैंकों से नकदी निकालने की सीमा केंद्रीय बैंक द्वारा दो लाख टका (बांग्लादेश की मुद्रा) तय करने से कारोबारियों को नकदी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। मीडियो की खबरों में यह दावा किया गया।


बांग्लादेश बैंक ने प्रति खाता नकद निकासी की सीमा शनिवार को दो लाख टका (करीब 1.42 लाख रुपये) निर्धारित की, जो पहले घोषित एक लाख टका से अधिक है।

केंद्रीय बैंक ने सुरक्षा चिंताओं के कारण नकद निकासी की सीमा तय की है क्योंकि नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को लेकर हसीना की अवामी लीग नीत सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस तथा छात्रों के बीच झड़प के बाद से पुलिस अब भी पूरी तरह से काम पर नहीं लौटी है।

अंतरिम वित्त एवं योजना सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने रविवार को कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए नकदी निकासी की सीमा तय करना आवश्यक था।

समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ की खबर के अनुसार, व्यवसायियों, खासकर नकद लेनदेन करने वाले कारोबारियों ने कहा कि यदि नकदी संकट जारी रहा और प्रतिबंध अगले सप्ताह भी जारी रहे तो वे मुश्किल में आ जाएंगे।

बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर अहमद ने कहा कि देश की अंतरिम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और बैंकों में लोगों का विश्वास बहाल करना है।

पदभार संभालने के बाद पहली बार शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए अहमद ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता केंद्रीय बैंक का परिचालन फिर से शुरू करते हुए बैंकों में आम लोगों का विश्वास बहाल करना है।

कारोबारियों ने कहा कि जुलाई के दूसरे पखवाड़े में जब व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, तब से उनका कामकाज ठप्प पड़ा है।

ढाका के सबसे बड़े रसोई बाजारों में से एक कवरान बाजार में तेल के थोक विक्रेता अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि उनका बैंक एक लाख टका से अधिक राशि निकालने की अनुमति नहीं देता।

खबर में उनके हवाले से कहा गया, ‘‘ यह एक बड़ी समस्या है। इसके परिणामस्वरूप, कारोबार की सामान्य गति बाधित हो रही है।’’

उन्होंने कहा कि अधिकतर व्यापारिक लेन-देन बैंक-से-बैंक हस्तांतरण या वास्तविक समय सकल निपटान के जरिये किए जा रहे हैं।

एक प्रमुख वस्तु आयातक एवं प्रसंस्करणकर्ता के उप महाप्रबंधक तस्लीम शाहरियार ने कहा कि सभी व्यवसायी ‘चेक’ स्वीकार नहीं करते हैं।

शाहरियार ने कहा, ‘‘ हमें भी नकद भुगतान करना पड़ता है, लेकिन अब लेन-देन केवल बैंक-से-बैंक हस्तांतरण और ‘चेक’ के जरिये हो रहा है। यह समस्या जितनी जल्दी सुलझ जाए, हमारे लिए उतना ही बेहतर होगा।’’

अन्य एक प्रमुख जिंस आयातक व प्रसंस्करणकर्ता के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ मैं ऐसे में दिहाड़ी कर्मचारियों को पूरा वेतन देने में असमर्थ हूं। मैंने उनसे कहा है कि वे इस सप्ताह इंतजार करें, क्योंकि मेरे पास नकदी का इंतजाम करने का कोई तरीका नहीं है।’’

खबर के अनुसार, नेशनल पॉलीमर ग्रुप के प्रबंध निदेशक रियाद महमूद ने कहा कि उनका मानना ​​है कि यदि स्थिति ऐसी ही बनी रही तो इससे व्यापार पर असर पड़ेगा। हालांकि, अगर थोड़े समय में इस समस्या से निपट लिया जाए तो इसका अधिक प्रभाव नहीं होगा।

सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के उग्र होने पर शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं। इसके बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया। नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख हैं।

यूनुस ने अपनी 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा शुक्रवार को की थी।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा



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