बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक और मुकदमा

Ankit
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ढाका, 21 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और 86 अन्य के खिलाफ सिलहट शहर में एक जुलूस पर हमला करने के मामले में बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गई।


इस महीने की चार तारीख को बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान कई लोग गोली लगने से घायल हो गए थे। हसीना ने देश में हिंसक प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया था और तब से अबतक उनके खिलाफ कुल 33 मामले दर्ज किए गए हैं।

जातीयतावादी छात्र दल की सिलहट शहर इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष जुबेर अहमद ने सिलहट मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमन भुइया की अदालत में मामला दर्ज कराया। हसीना की बहन शेख रेहाना को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।

द डेली स्टार अखबार ने मामले के विवरण के हवाले ये खबर दी कि आरोपियों ने चार अगस्त को सिलहट शहर के बंदरबाजार क्षेत्र में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी)और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा आयोजित एक शांतिपूर्ण रैली पर हमला किया, जिसमें कई लोगों को गोली लगी और वे घायल हो गए।

खबर के मुताबिक, अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन मंत्री अब्दुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद, पूर्व कानून मंत्री अनीसुर रहमान और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार सलमान एफ रहमान सहित अन्य लोगों को भी नामजद किया गया है।

अखबार के मुताबिक, इस मामले के साथ ही हसीना पर अब 33 मुकदमे दर्ज हो गए हैं, जिनमें 27 हत्या के, चार मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के तथा एक अपहरण का मामला शामिल है।

हसीना सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच अपने पद से इस्तीफा देकर पांच अगस्त को भारत भाग गईं।

बांग्लादेश में हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को हटाकर अंतरिम सरकार बनाई गई है और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को इसका मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हाल ही में हुए छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाएगी।

हसीना सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोग मारे गए, जिससे सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली के खिलाफ जुलाई के मध्य में छात्रों द्वारा शुरू किए गए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद से मरने वालों की संख्या 600 से अधिक हो गई।

भाषा धीरज मनीषा

मनीषा



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