बहराइच में जंगली जानवर ने बच्चे को घायल किया, परिजनों ने भेड़िये का हमला बताया, वन विभाग ने नकारा

Ankit
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बहराइच, (उप्र) 16 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भेड़ियों के आतंक से प्रभावित महसी क्षेत्र के दौरे के कुछ घंटों बाद ही बहराइच जिले की महसी तहसील के एक गांव में एक जंगली जानवर ने छत पर चढ़कर 12 वर्षीय बच्चे पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया।


ग्रामीण इसे आदमखोर भेड़िए का हमला बता रहे हैं, हालांकि वन विभाग ने किसी अन्य जानवर द्वारा हमला किए जाने का दावा किया है।

प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि रविवार व सोमवार की दरमियानी रात लगभग ढाई बजे ग्राम पिपरीमोहन, थाना-हरदी, तहसील महसी, जिला-बहराइच के निवासी मोहम्मद उमर के पुत्र इमरान (12) को अज्ञात जानवर द्वारा घायल किए जाने की सूचना मिली।

इस घटना से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भेड़ियों के आतंक से प्रभावित बहराइच के महसी क्षेत्र का दौरा किया और कहा कि खूंखार भेड़िये को गोली मारना अंतिम विकल्प है और जब तक इलाका खतरे से मुक्त नहीं होगा तब तक वन विभाग की टीमें यहां तैनात रहेंगी। योगी ने भेड़ियों के हमलों से प्रभावित महसी तहसील के सिसैया चूणामणि गांव का दौरा किया था।

डीएफओ ने कहा, ‘‘मौके पर जाकर तत्काल की गई जांच में कहीं भी भेड़िए का पगचिह्न नहीं पाया गया और जो पगचिह्न पाया गया वह भेड़िया से मेल नहीं खाता है।’’

हमले के शिकार बच्चे के पिता ने सोमवार को कहा, ‘‘हम छत पर सो रहे थे, तभी भेड़िया आया और मेरे बेटे पर झपट पड़ा। बेटा मदद के लिए चिल्लाया तो लोग इकट्ठा हो गए। लोगों को देखकर भेड़िया बच्चे को छोड़कर भाग गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भेड़िये के हमले से मेरा बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’

डीएफओ सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘भेड़िये या तेंदुए कभी भी अपने कद से अधिक ऊंचाई पर हमला नहीं करते हैं। बताया जा रहा है कि यह घटना छत पर हुई। भेड़िये की फितरत छत पर चढ़कर हमला करने की कभी नहीं रही है। अब यह जांच का विषय है कि किस जानवर ने बच्चे पर हमला किया।’’

इमरान का प्राथमिक उपचार उसके परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र महसी, बहराइच में कराया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की चिकित्साधिकारी डॉक्टर तलहा शम्शी की रिपोर्ट के अनुसार, घायल बच्चे के गले पर जो जख्म हैं वे किसी जानवर के काटने जैसे दिखते हैं।

घायल बच्चे को महसी स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर कर भेड़िये के हमला पीड़ितों के लिए बनाए गए विशेष वार्ड में भर्ती किया गया है।

डब्ल्यू.आई.आई. के विशेषज्ञ डॉ. शहीर खान ने भी भेड़िये के पगचिह्न होने से इनकार किया है। ड्रोन से घटनास्थल व आसपास के क्षेत्र के निरीक्षण में दो सियार दिखाई दिए।

भेड़ियों के हमलों से करीब 50 गांवों में गत मार्च से दहशत का माहौल है। बारिश शुरू होने के बाद 17 जुलाई से बढ़े हमलों में सात बच्चों सहित आठ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भेड़ियों व अन्य वन्यजीवों के हमलों से इस दौरान लगभग तीन दर्जन लोग घायल हुए हैं। छह भेड़ियों के झुंड में से अब तक पांच भेड़िये पकड़े जा चुके हैं। पकड़े गए भेड़ियों में से एक की हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी जबकि शेष चार को अलग-अलग प्राणि उद्यानों में छोड़ा गया है। वन विभाग के अनुसार, अब सिर्फ एक भेड़िया बचा है जिसे पकड़ने के लिए विभाग जुटा है।

भाषा सं आनन्द

नेत्रपाल

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