बस यात्रियों के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार करे महाराष्ट्र सरकार : कांग्रेस |

Ankit
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मुंबई, दो अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस ने मुंबई और पुणे के बीच इलेक्ट्रिक ‘शिवनेरी’ लक्जरी बसों में ‘एयर होस्टेस’ की तर्ज पर परिचारिका नियुक्त करने के एमएसआरटीसी के फैसले की आलोचना की है।


कांग्रेस ने महाराष्ट्र सरकार पर यात्रियों के लिए बुनियादी ढांचे की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने दो प्रमुख शहरों के बीच ‘शिवनेरी’ ब्रांड नाम से चलने वाली वातानुकूलित बसों में ‘एयर होस्टेस’ की तर्ज पर ‘सुंदरी’ नाम से परिचारिका नियुक्त शुरू करने की मंगलवार को घोषणा की।

एमएसआरटीसी ने बताया कि यह निर्णय मुंबई में एमएसआरटीसी के नये अध्यक्ष भरत गोगावले के नेतृत्व में परिवहन निगम की 304वीं बोर्ड बैठक में लिया गया। उसने कहा कि यह निर्णय 200 किलोमीटर लंबे व्यस्त मार्ग पर यात्रा करने वाले यात्रियों को हवाई यात्रा जैसी आतिथ्य सुविधा प्रदान करने के लिए लिया गया।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने एमएसआरटीसी के कदम को लेकर सरकार की आलोचना की तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित बसों की खराब स्थिति एवं बस स्टेशनों की खस्ताहाल बुनियादी संरचना की ओर ध्यान आकर्षित किया।

वडेट्टीवार ने इस कदम को लेकर बुधवार को राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह एक दिशाहीन सरकार है। भरत गोगावले जो मंत्री नहीं बन पाए, उनका एमएसआरटीसी प्रमुख के रूप में पहला फैसला शिवनेरी सुंदरियों को नियुक्त करना है।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘पूरे राज्य में एमएसआरटीसी बसों और बस स्टेशनों की हालत दयनीय है। बस स्टेशनों पर महिलाओं के लिए साफ शौचालय नहीं हैं। लेकिन, इन मुद्दों को सुलझाने के बजाय सरकार शिवनेरी सुंदरियों की नियुक्ति कर रही है। यह दिशाहीन सरकार है जिसके मुखिया दिशाहीन नेता हैं। ’’

शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगडे ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि जब महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार सत्ता में थी तो एमएसआरटीसी कर्मचारियों के साथ बुरा व्यवहार किया गया था।

हेगड़े ने कहा, ‘‘उन्होंने (विपक्ष ने) एमएसआरटीसी कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया, उनके वेतन और बोनस रोक दिए और उन पर लाठीचार्ज किया। जब हम अधिक नौकरियां सृजित कर रहे हैं और एमएसआरटीसी का आधुनिकीकरण कर रहे हैं, तो वे हमारा और ‘शिवनेरी सुंदरी’ अवधारणा का विरोध कर रहे हैं।’’

भाषा रवि कांत रवि कांत अमित

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