बलिया/मथुरा (उप्र), एक मार्च (भाषा) उत्तराखंड में चीन (तिब्बत) सीमा पर स्थित माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के राम सुजान सिंह के लापता होने की आशंका थी लेकिन वह सुरक्षित बचा लिए गये हैं।
वहीं, हिमस्खलन की घटना में बर्फ में फंसने वाले मजदूरों में मथुरा जिले के भी चार मजदूर शामिल हैं, जिन्हें सेना की बचाव टीम ने बचा लिया है।
राम सुजान सिंह के परेशान परिजनों ने कहा था कि उन्हें अभी तक प्रशासन की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, शाम को उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी की गयी सूची में राम सुजान सिंह के सुरक्षित बचाये जाने की सूचना से लोगों ने राहत की सांस ली।
राम सुजान सिंह के बेटे राज सिंह ने शनिवार को बताया था कि उनके पिता उत्तराखंड के चमोली गए थे।
राज सिंह ने कहा, ”वह वहां सुपरवाइजर का काम करते हैं। वह पिछले साल जनवरी में वहां गए थे। खबर मिली है कि पहाड़ टूट गया है, जिसमें कई मजदूर फंसे हुए हैं। हमें घटना की जानकारी मीडिया से मिली।”
उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई नहीं आया है। राज ने कहा कि परिवार ने आखिरी बार राम सुजान सिंह से पिछले सोमवार को बात की थी, जिसमें वह (राम सुजान सिंह) परिवार के सदस्यों का हालचाल पूछ रहे थे।
राज सिंह ने कहा, ”उन्हें मेरे पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है।”
इस बीच, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने कहा कि उन्हें राम सुजान सिंह के हिमस्खलन में फंसे होने की जानकारी नहीं है।
मथुरा से मिली खबर के अनुसार उत्तराखंड के चमोली जनपद में सीमा पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की परियोजना पर काम कर रहे मजदूरों के शुक्रवार को घटी हिमस्खलन की घटना में बर्फ में फंसने वाले मजदूरों में चार मथुरा जनपद के भी शामिल हैं, जिन्हें सेना की टीम ने बचा लिया है।
उनके परिजनों द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार कोसीकलां क्षेत्र के गांव खरौंठ निवासी राजेंद्र सिंह, नगला बिरजा निवासी गोविंद सिंह तथा बिरवा बांगर गांव के विवेक व सुखदेव नामक मजदूरों को बर्फ से निकाला गया है।
राजेंद्र सिंह के ताऊ के बेटे प्रेमपाल सिंह ने बताया कि इन सभी मजदूरों को 16 फरवरी को चमोली स्थित देश के सीमावर्ती गांव में चल रही सड़क परियोजना में शामिल करने के लिए ले जाया गया था, जहां शुक्रवार को आए तूफान में वे चारों भी अन्य मजदूरों के साथ बर्फ की मोटी चादर में दबकर रह गए थे।
उन्होंने बताया कि उन सभी को सेना ने कल ही बचा लिया था तथा आज सुबह जोशीमठ स्थित राहत शिविर में पहुंचा दिया था। उनसे बात हो गई है वे सभी सुरक्षित हैं, उनका सेना के शिविर में इलाज किया जा रहा है।
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ज्ञात हुआ है कि मथुरा के चारों मजदूर पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें सकुशल वापस लाया जा रहा है। वे देर रात अथवा रविवार सुबह तक मथुरा पहुंच जाएंगे।
सेना के अनुसार, शुक्रवार सुबह 5:30 से छह बजे के बीच माणा और बद्रीनाथ के बीच बीआरओ शिविर के पास हिमस्खलन हुआ, जिससे आठ कंटेनर और एक शेड के अंदर 55 श्रमिक दब गए।
सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘50 मजदूरों को बचा लिया गया है, जिनमें से दुर्भाग्यवश चार घायलों की मौत की पुष्टि हो गई है, जबकि शेष पांच की तलाश जारी है।’’
उन्होंने कहा कि घायलों को प्राथमिकता के आधार पर निकाला जा रहा है।
भाषा
सं, जफर, आनन्द, रवि कांत शोभना रवि कांत