बम्बई उच्च न्यायालय ने छोटा राजन गिरोह के दो सदस्यों की दोषसिद्धि एवं उम्रकैद पर मुहर लगायी

Ankit
2 Min Read


मुंबई, 15 अप्रैल (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने 2010 के दोहरे हत्याकांड में छोटा राजन गिरोह के दो सदस्यों की दोषसिद्धि एवं उम्रकैद को मंगलवार को यह कहते हुए बरकरार रखा कि अधीनस्थ अदालत का फैसला ‘सुविचारित और कानूनी रूप से सही’ है।


अगस्त 2022 में यहां की एक अदालत ने मोहम्मद अली शेख और प्रणय राणे को हत्या, आपराधिक साजिश और शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत आने वाले अपराधों के लिए दोषी ठहराया था, जबकि राजन एवं दो अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

न्यायमूर्ति नीला गोखले और न्यायमूर्ति रेवती डेरे की खंडपीठ ने मंगलवार को शेख और राणे की अपील खारिज कर दी।

पीठ ने कहा, ‘‘रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्यों का समग्र रूप से मूल्यांकन करने पर अपीलकर्ताओं का अपराध संदेह से परे साबित होता है।’’

पुलिस के अनुसार, 13 फरवरी, 2010 को शहर के जे जे मार्ग थाने के निकट एक स्थान पर चार लोगों ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के कथित सहयोगी आसिफ खान पर गोलियां चलाई थीं।

पुलिस के मुताबिक आसिफ खान भागने में सफल रहा, लेकिन शकील मोदक और आसिफ कुरैशी गोली लगने से घायल हो गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। ये दोनों खान से मिलने वहां पहुंचे थे।

अदालत में पुलिस का पक्ष विशेष सरकारी वकील प्रदीप घराट ने रखा।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *