मुंबई, छह फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र में पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गए बदलापुर दुष्कर्म मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के माता-पिता ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वे अपने बेटे की मौत से जुड़ा मुकदमा अब नहीं लड़ना चाहते।
आरोपी अक्षय शिंदे के माता-पिता ने मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष यह बात कही।
यह याचिका अक्षय के पिता अन्ना शिंदे ने दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने उनके बेटे को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया।
दंपति ने बृहस्पतिवार को कार्यवाही के अंत में पीठ से कहा कि वे मामले को आगे बढ़ाने के इच्छुक नहीं हैं और चाहते हैं कि इसे बंद कर दिया जाए।
दंपति ने पीठ से कहा कि उन पर किसी का कोई दबाव नहीं है और उन्होंने खुद ही बयान दिया है।
पिछले वर्ष ठाणे जिले के बदलापुर शहर में एक स्कूल के शौचालय के अंदर दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में अक्षय शिंदे (24) को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी उस स्कूल में सहायक था।
पूछताछ के लिए नवी मुंबई की तलोजा जेल से ठाणे ले जाते समय पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में अक्षय मारा गया था।
पिछले महीने अदालत में पेश की गई मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट में पांच पुलिसकर्मियों – वरिष्ठ निरीक्षक संजय शिंदे (ठाणे अपराध शाखा), सहायक निरीक्षक नीलेश मोरे, हेड कांस्टेबल अभिजीत मोरे, हरीश तावड़े और पुलिस वैन चालक सतीश खताल को शिंदे की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में मजिस्ट्रेट अशोक शेंगड़े ने कहा कि साक्ष्यों और अन्य परिस्थितियों के कारण, “पुलिस कर्मियों द्वारा निजी या आत्मरक्षा के अधिकार का उठाया गया दावा संदेह के घेरे में आता है।”
इस बीच, पीठ ने चारों पुलिसकर्मियों की मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट की प्रति मांगने की याचिका स्वीकार कर ली। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील अमित देसाई ने कहा कि यदि रिपोर्ट उन्हें सौंप दी जाती है तो अभियोजन पक्ष को कोई आपत्ति नहीं है।
मामले में आगे की सुनवाई शुक्रवार को होगी।
भाषा प्रशांत पवनेश
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