मुंबई, 21 अगस्त (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बदलापुर की घटना के खिलाफ प्रदर्शन के राजनीति से प्रेरित होने के दावे को खारिज करते हुए बुधवार का कहा कि इस मामले में लोगों का फूटा गुस्सा उनके आक्रोश को दर्शाता है।
दानवे की पार्टी के सहयोगी और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने आरोप लगाया कि बदलापुर के जिस स्कूल में सफाईकर्मी ने बच्चियों का यौन शोषण किया है उस स्कूल का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता से संबंध है।
महाराष्ट्र विधानपरिषद में विपक्ष के नेता दानवे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई में राज्य की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला से मुलाकात की और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इससे एक दिन पहले हजारों प्रदर्शनकारियों ने यौन शोषण की घटना के विरोध में बदलापुर में रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया था और स्कूल में घुस गए थे।
दानवे ने शिकायत की कि पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में त्वरित कार्रवाई नहीं कर रही है।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘(बदलापुर में) प्रदर्शन स्वतः स्फूर्त और लोगों के आक्रोश का परिचायक थे। उनकी (सरकार की) दृष्टि धुंधली है, इसलिए लोग उन्हें करारा जवाब देंगे।”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस बयान कि ठाणे जिले के बदलापुर कस्बे के एक स्कूल की दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद राज्य सरकार की छवि खराब करना है, के बाद दानवे ने यह टिप्पणी की।
दानवे ने राज्य सरकार की प्रमुख मासिक नकद हस्तांतरण योजना, मुख्यमंत्री लाड़की बहिन योजना को ‘ढोंग’ करार दिया और महाराष्ट्र में महिलाओं की सुरक्षा करने में सरकार की विफलता का आरोप लगाया।
राउत ने मंगलवार को बदलापुर स्टेशन पर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की थी।
संजय राउत ने कहा कि यदि कांग्रेस, राकांपा (एसपी) या शिवसेना (यूबीटी) के नेता का बदलापुर स्कूल से संबंध होता तो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनका गिरोह विद्यालय में धरना दे रहा होता।
शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य राउत ने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने बदलापुर की जनता के आक्रोश पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर स्वत: संज्ञान लिया क्योंकि वहां ममता बनर्जी की सरकार है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘उच्चतम न्यायालय ने कल के प्रदर्शन के दौरान जनता के आक्रोश पर ध्यान क्यों नहीं दिया? उसने कोलकाता में जनता के आक्रोश पर ध्यान दिया, क्योंकि वहां ममता बनर्जी की सरकार है।”
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या के मामले में देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा तथा सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल विकसित करने के वास्ते 10 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) गठित किया।
भाषा प्रीति पवनेश
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