बजट ने सीमा शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाया, प्रभावी शुल्क को समान स्तर पर रखा |

Ankit
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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) सरकार ने मूल सीमा शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाते हुए इन शुल्कों की संख्या घटाकर सिर्फ आठ कर दी है। साथ ही कारोबारी सुगमता के लिए उपकर को समायोजित करके ज्यादातर वस्तुओं पर प्रभावी शुल्क दरों को समान स्तर पर रखा गया है।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में सात शुल्क दरें हटा दीं। यह 2023-24 के बजट में हटाई गई सात शुल्क दरों के अतिरिक्त हैं।

इसके बाद, कारोबारी सुगमता के लिए ‘शून्य’ दर सहित केवल आठ शुल्क दरें होंगी।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि इस गणना में केवल मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को ही मूल्यानुसार दरों के साथ माना गया है। अनेक स्लैब बनाने वाली विशिष्ट और मिश्रित दरों को नजरअंदाज किया गया है।

श्रीवास्तव ने कहा कि बीसीडी स्लैब की आधिकारिक संख्या कम करने के लिए बीसीडी का एक हिस्सा एआईडीसी (कृषि अवसंरचना विकास उपकर) में स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि कुल शुल्क अपरिवर्तित रखा गया।

डेलॉयट इंडिया के भागीदार हरप्रीत सिंह ने कहा कि बजट में 25 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 35 प्रतिशत और 40 प्रतिशत के चार सीमा शुल्क स्लैब को 20 प्रतिशत में विलय करने का प्रस्ताव है। इसके तहत आमतौर पर साबुन, प्लास्टिक, रसायन और जूते जैसे उत्पाद आते हैं। इसी तरह 100 प्रतिशत, 125 प्रतिशत और 150 प्रतिशत शुल्क दरों को 70 प्रतिशत में मिला दिया गया है। ये स्लैब आमतौर पर प्रयोगशाला रसायनों और वाहनों को कवर करते हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय



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