नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने सोमवार को कहा कि आयकर कटौती और अन्य कर बदलावों के बारे में की गई बजट घोषणा से बैंकों को 40,000-45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त जमा राशि जुटाने में मदद मिलेगी।
शनिवार को पेश किए गए बजट 2025-26 में गैर-वरिष्ठ नागरिकों के लिए सावधि जमा से अर्जित ब्याज पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की सीमा को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
नागराजू ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के मामले में एक वित्त वर्ष में ब्याज से हुई आय पर टीडीएस सीमा को 50,000 रुपये से बढ़कर एक लाख रुपये करने का प्रावधान बजट में किया गया है।
नागराजू ने बजट पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि कर छूट सीमा बढ़ाए जाने से बैंकिंग प्रणाली में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लौट रही है जबकि वरिष्ठ नागरिकों की ब्याज आय पर टीडीएस सीमा बढ़ाए जाने से 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस आ रही है।’’
उन्होंने कहा कि आयकर स्लैब में बदलाव के कारण गैर-वरिष्ठ व्यक्तियों की कर बचत से भी 7,000 करोड़ रुपये की राशि बैंकिंग प्रणाली में लौटते हुए दिख रही है।
सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल के कर्ज समाधान के बारे में पूछे जाने पर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव ने कहा कि कर्जदाता बैंक मौजूदा मानदंडों के आधार पर ‘हेयरकट’ के बारे में निर्णय लेंगे।
कर्जदाता संस्थान किसी कंपनी के खिलाफ कर्ज समाधान प्रक्रिया के तहत कुल बकाया कर्ज का एक हिस्सा छोड़ने के लिए तैयार होते हैं जिसे ‘हेयरकट’ कहा जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपने बैंकों को ऋण पुनर्गठन या कर्ज समाधान के लिए लिए जाने से पहले हेयरकट लेते देखा है। हम सभी रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं।’’
उन्होंने राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) के संबंध में कहा कि ऋणदाताओं ने एक लाख करोड़ रुपये के 24 गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) खाते स्थानांतरित किए हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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