बंबई उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी वाजे को दी जमानत

Ankit
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मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे को भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को जमानत दे दी। इसी मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी आरोपी हैं।


न्यायमूर्ति एम.एस.सोनक की अध्यक्षता वाली पीठ ने वाजे को जमानत देते हुए कहा कि इसकी शर्ते केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामलों की विशेष अदालत द्वारा तय की जाएंगी।

भ्रष्टाचार के मामले में जमानत मिलने के बावजूद वाजे की जेल से रिहाई नहीं होगी क्योंकि ‘एंटीलिया’बम धमकी मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज मामले में वह न्यायिक हिरासत में हैं।

इस समय न्यायिक हिरासत के तहत कारावास में बंद वाजे ने जमानत पर रिहा करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह मामले में सरकारी गवाह है और मामले के अन्य आरोपी को जमानत के मद्देनजर समानता के आधार पर उसे भी जमानत दी जानी चाहिए।

वाजे के वकील अबाद पोंडा ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि सरकारी गवाह घोषित किए जाने के बावजूद उनके मुवक्किल को कारागार में रखना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लघंन है।

सीबीआई ने अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी कि वाजे को अबतक मामले में बरी नहीं किया गया है और उन्हें जमानत देना मामले के हित में नहीं होगा। वाजे को सीबीआई की विशेष अदालत ने जून 2022 में सरकारी गवाह घोषित किया था।

वाजे को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के पास विस्फोटकों से भरे वाहन मिलने और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में कथित भूमिका के लिए मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया था।

उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2021 में सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए देशमुख पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोपों की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था।

भाषा धीरज माधव

माधव



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