वाशिंगटन, 28 फरवरी (एपी) ‘यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएआईडी) के कर्मचारी बंद हो चुकी एजेंसी के मुख्यालय से बृहस्पतिवार को नम आंखों के साथ विदा हुए।
संसद की मंजूरी से स्थापित की गई इस एजेंसी को बंद करने के ट्रंप प्रशासन के फैसले पर तेजी से अमल किया जा रहा है और यह प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है।
इस सप्ताह बड़े पैमाने पर भेजे गए नोटिसों के तहत दुनिया भर में मानवीय और विकास कार्यों के लिए यूएसएआईडी के 90 प्रतिशत से अधिक अनुबंध समाप्त किए जा रहे हैं।
प्रशासन ने हाल के दिनों में यूएसएआईडी के अधिकतर कर्मचारियों को सूचित किया था कि उन्हें छुट्टी पर भेजा जा रहा है या नौकरी से निकाला जा रहा है। इसके बाद वाशिंगटन में स्थित मुख्यालय में काम करने वाले हजारों लोगों को संघीय अधिकारियों की निगरानी में अपने कार्यालय खाली करने के लिए 15 मिनट का समय दिया।
इसके बाद कुछ कर्मचारी अपना सामान उठाते समय रो पड़े।
जूलियन एल्फेन ने कहा, “यह दिल तोड़ने वाला है।”
सैकड़ों सहकर्मियों की तरह, एल्फेन को भी सोमवार को औपचारिक नोटिस मिला कि उनकी बर्खास्तगी “सरकार के सर्वोत्तम हित में है।”
एल्फेन ने कहा, “मुझे लगा, जैसे हमने कुछ खो दिया है। कुछ ही हफ्तों में अपनी आंखों के सामने सब कुछ खत्म होते देखना बहुत भयावह है।”
हालांकि इस दौरान यूएसएआईडी के समर्थकों ने कर्मचारियों के उत्साहवर्द्धन में नारे लगाए और मुख्यालय के बाहर बैनर लहराए।
एक छोटी लड़की अपनी मां के पास खड़ी थी और उसके हाथ में एक तख्ती थी, जिसपर लिखा था, “मुझे आप पर गर्व है पापा।”
कई बैग लेकर इमारत से बाहर निकली एक महिला स्वागत में खड़े लोगों के नारे सुनकर फूट-फूट कर रोने लगी। इस दौरान कुछ लोगों ने उसे गले लगा लिया।
तीन महीने पहले ही नियुक्त हुई यूएसएआईडी की कर्मचारी डेवन बेहरर ने कहा कि इस संस्था में काम करना हमेशा से उनका सपना रहा था।
उन्होंने कहा, “मेरी योजना यहां आकर विकास कार्यों में मदद करने की थी। मेरी योजना सोमवार को मिट्टी में मिल गई।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगी एलन मस्क ने संघीय सरकार के खर्चों में कटौती करने के अपने प्रयास के तहत विदेशों को दी जाने वाले सहायता के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। दोनों का कहना है कि यूएसएआईडी परियोजनाएं पैसे की बर्बादी हैं।
एपी जोहेब मनीषा
मनीषा