कोलकाता, 12 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी प्रदर्शन से कथित रूप से जुड़ी हिंसक झड़पों में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा।
सुती और शमशेरगंज जैसे इलाकों में बढ़ती अशांति के बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि जब ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं तो न्यायालय ‘‘अपनी आंखें मूंदे नहीं रह सकता’’ और आम लोगों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया।
अदालत ने केंद्र और राज्य को 17 अप्रैल को अगली सुनवाई से पहले स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
मुर्शिदाबाद के सुती और शमशेरगंज प्रखंडों में विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से पिता-पुत्र सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 138 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि संबंधित कानून केंद्र सरकार ने बनाया गया है, उनकी सरकार ने नहीं।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “याद रखें, हमने वह कानून नहीं बनाया, जिस पर बहुत लोग नाराज हैं। यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है। इसलिए आप जो जवाब चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगना चाहिए।”
उन्होंने पूछा, “हमने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है – हम इस कानून का समर्थन नहीं करते। यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा। तो दंगा किसलिए।”
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर बात की।
केंद्रीय गृह सचिव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी से यथाशीघ्र सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा।
गृह मंत्रालय ने कहा कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में स्थानीय तौर पर उपलब्ध लगभग 300 बीएसएफ कर्मियों के अलावा पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर पांच और कंपनी तैनात की गईं।
गृह मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि केंद्र स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है, उन्होंने पश्चिम बंगाल को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
अधिकारी ने बताया कि हिंसा प्रभावित शमशेरगंज क्षेत्र में जाफराबाद स्थित एक घर में पिता और पुत्र के शव बरामद किए गए जिनके शरीर पर चाकू से वार के निशान थे।
मृतकों के परिवार ने आरोप लगाया कि अपराधियों ने उनके घर में लूटपाट की और दोनों पर चाकू से प्रहार किया।
अधिकारी ने बताया कि एक अन्य घटना में, शुक्रवार को सुती के साजुर मोड़ पर झड़प के दौरान 21 वर्षीय एक युवक गोली लगने से घायल हो गया और शनिवार शाम को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
शनिवार को भी कुछ इलाकों में हिंसा हुई।
शमशेरगंज के धुलियान में काम पर जाते समय एक नाबालिग लड़के सहित बीड़ी कारखाने के दो श्रमिकों को गोली मार दी गई।
दोनों का मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में उपचार किया जा रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम ने कोलकाता में संवाददाताओं को बताया कि हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ भड़की हिंसा के कारण बड़े पैमाने पर व्यवधान पैदा हुआ। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग लगा दी, सड़कें जाम कर दीं और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
पूर्व रेलवे के न्यू फरक्का-अजीमगंज रेल मार्ग पर शुक्रवार को धुलियानगंगा और निमतिता स्टेशनों के बीच ट्रेन सेवाएं लगभग छह घंटे तक बाधित रहीं।
मुर्शिदाबाद के कई हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है तथा स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई है। अफवाहों को फैलाना बंद करना होगा। हम लोगों से अनुरोध करेंगे कि वे कानून को अपने हाथ में न लें। हम उन्हें आश्वासन देते हैं कि पुलिस दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी और आम लोगों की जान-माल की रक्षा करेगी।’’
मुख्यमंत्री ने लोगों से शांत रहने और उकसावे में न आने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत रहें, संयमित रहें। धर्म के नाम पर किसी भी अधार्मिक गतिविधि में शामिल न हों। हर इंसान की जान कीमती है; राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं। जो लोग दंगे भड़का रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, “हम किसी भी हिंसक गतिविधि का समर्थन नहीं करते। कुछ दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके बहकावे में न आएं।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि धर्म का मतलब मानवता, सद्भावना, सभ्यता और सद्भाव है। मैं सभी से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करती हूं।”
इस बीच, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित तौर पर रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ किये जाने की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपने की मांग की।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘बता दें कि इसको लेकर विरोध करने वाली कोई बात नहीं थी, यह हिंसा पूर्व नियोजित थी। यह जिहादी ताकतों द्वारा लोकतंत्र तथा शासन पर हमला है, जो अपने प्रभुत्व का दावा करने और हमारे समाज के अन्य समुदायों के बीच भय फैलाने के लिए अराजकता चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर दिया गया, सरकारी अधिकारियों को धमकी दी गई, और भय का माहौल पैदा किया गया। यह सब असहमति की झूठी आड़ में किया गया।’’
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तृणमूल सरकार से मुर्शिदाबाद में कानून के शासन को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर अल्पसंख्यकों के एक वर्ग द्वारा की जाने वाली इस तरह की ‘‘बर्बरता और गुंडागर्दी को रोक दिया जाएगा और कुचल दिया जाएगा।’’
मजूमदार ने कहा, ‘‘हिंदू धर्मनिरपेक्षता, बहुलवाद की सच्ची अवधारणा में विश्वास करते हैं क्योंकि वे शांतिप्रिय और अहिंसक हैं। लेकिन अगर मुर्शिदाबाद के कुछ इलाकों से हिंदुओं को बाहर निकालने का प्रयास किया जाता है, जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, तो बंगाल के आम लोग, बंगाल के हिंदू अपनी गरिमा, सम्मान और पहचान को बचाने के लिए प्रतिकार करेंगे।’’
इस पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि विपक्ष राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।
भाषा
खारी अविनाश
अविनाश