मुंबई, एक फरवरी (भाषा) मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक आईपीएस अधिकारी के पति के खिलाफ सरकारी कोटे के कई फ्लैट को रियायती दरों पर दिलाने की पेशकश करके लोगों से 25 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है।
एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को कोलाबा पुलिस थाने में पुरुषोत्तम चव्हाण और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी के पति चव्हाण पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें एक अन्य मामले में कथित धन शोधन के लिए गिरफ्तार किया था।
मौजूदा मामले में चव्हाण पर सरकारी कार्यालयों में अपने संपर्कों का उपयोग करके रियायती दरों पर ठाणे और पुणे के अलावा प्रभादेवी, दादर और परेल जैसे मुंबई के प्रमुख स्थानों में सरकारी कोटे के फ्लैट और भूखंड दिलाने का वादा करके धन एकत्र करने का आरोप है।
अक्सर निजी बिल्डर विभिन्न बकाए चुकाने के लिए सरकार को कुछ फ्लैट सौंप देते हैं। ये फ्लैट सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत आवंटित किए जाते हैं।
चव्हाण के अलावा प्राथमिकी में एक सहायक उप-पंजीयक और परेल-सिवरी स्टांप पंजीकरण कार्यालय के कुछ अधिकारियों और अन्य लोगों का नाम शामिल है, जिन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मुख्य दोषियों को फर्जी बिक्री दस्तावेज तैयार करने में मदद की।
व्यवसायी और शिकायतकर्ताओं में से एक केदार देगवेकर (57) ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि सरकारी कोटे का फ्लैट दिलाने का झांसा देकर चव्हाण ने उनसे 3.37 करोड़ रुपये ठगे।
भाषा शफीक संतोष
संतोष