नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) पेट्रोलियम कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण फरवरी में देश का निर्यात लगातार चौथे महीने घटकर 36.91 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान आयात में 10 अरब डॉलर की बड़ी गिरावट आने से देश का व्यापार घाटा 42 माह के निचले स्तर पर आ गया।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
पिछले साल के समान महीने में देश का निर्यात 41.41 अरब डॉलर रहा था।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में देश का आयात घटकर 50.96 अरब डॉलर पर आ गया जो साल भर पहले 60.92 अरब डॉलर था। इसके साथ ही देश का व्यापार घाटा (निर्यात एवं आयात का अंतर) कम होकर 14.05 अरब डॉलर रह गया।
व्यापार घाटे का आंकड़ा अगस्त, 2021 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आने के बारे में पूछे जाने पर एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ये त्वरित अनुमान हैं। हम आयात में गिरावट के विवरण की जांच कर रहे हैं।’’
अधिकारी ने कहा कि फरवरी, 2024 के उच्च-आधार प्रभाव और पेट्रोलियम कीमतों एवं कीमती धातुओं के दाम में बदलाव जैसे कारक सालाना आधार पर आयात में 10 अरब डॉलर की बड़ी गिरावट के पीछे हो सकते हैं।
रेटिंग एजेंसी इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘भारत का वस्तु व्यापार घाटा फरवरी, 2025 में 42 महीने के निचले स्तर 14.1 अरब डॉलर पर आ गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 19.5 अरब डॉलर था। मुख्य रूप से कच्चे तेल, सोने और चांदी के आयात में कमी से ऐसा हुआ है।’’
नायर ने कहा कि व्यापार घाटा भी चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान 23 अरब डॉलर से अधिक के औसत स्तर से काफी कम रहा है।
कुल मिलाकर, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 माह (अप्रैल-फरवरी अवधि) में वस्तु और सेवा निर्यात 6.24 प्रतिशत बढ़कर 750.53 अरब डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 706.43 अरब डॉलर था।
फरवरी में गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात 28.57 अरब डॉलर रहा, जबकि साल भर पहले यह 29.99 अरब डॉलर था।
इस दौरान गैर-पेट्रोलियम, गैर-रत्न एवं आभूषणों (सोना, चांदी और कीमती धातु) का आयात 35.02 अरब डॉलर रहा, जबकि फरवरी, 2024 में यह 33.96 अरब डॉलर था।
मूल्य में परिवर्तन के संदर्भ में अप्रैल-फरवरी 2024-25 के दौरान सकारात्मक वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष पांच निर्यात गंतव्य अमेरिका (9.1 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (5.19 प्रतिशत), ब्रिटेन (12.47 प्रतिशत), जापान (21.67 प्रतिशत) और नीदरलैंड (3.68 प्रतिशत) हैं।
पिछले चार महीनों (नवंबर, 2024-फरवरी-2025) के दौरान भारत के उत्पाद निर्यात में मूल्य के लिहाज से गिरावट देखी गई। जनवरी में उत्पाद निर्यात 36.43 अरब डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले यह 37.32 अरब डॉलर था।
दिसंबर में यह 38.01 अरब डॉलर रहा, जबकि दिसंबर, 2023 में यह 38.39 अरब डॉलर था। वहीं नवंबर, 2024 में उत्पाद निर्यात 32.11 अरब डॉलर रह गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 33.75 अरब डॉलर था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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