प्लांट वालों की मांग बढ़ने से सोयाबीन के साथ-साथ सरसों तेल-तिलहन में सुधार

Ankit
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नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) पामोलीन से सस्ता होने और प्लांट वालों की बढ़ती मांग के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सोयाबीन तेल-तिलहन के साथ-साथ सरसों तेल-तिलहन तथा बिनौला तेल के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। मलेशिया एक्सचेंज के बंद होने से कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा मांग होने के बावजूद सहकारी संस्था, नेफेड की बिकवाली की अफवाह के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।


बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज कल बंद था और आज भी वहां बाजार बंद हैं। शिकॉगो एक्सचेंज तीन प्रतिशत से अधिक मजबूत चल रहा है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि अच्छी मांग होने के बावजूद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले मंडियों में सरसों की आवक कम है। पामोलीन से सस्ता होने के कारण भी सरसों के साथ-साथ बिनौला की मांग बढ़ी है। ऐसी स्थिति में सरसों तेल-तिलहन के दाम में सुधार दर्ज हुआ। अब सरसों की कीमत एमएसपी के आसपास हो चली है।

इसी प्रकार, सोयाबीन की भी अच्छी मांग होने से सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में भी मजबूती आई। नेफेड द्वारा बिकवाली रुकने के बाद अब किसान अपनी मर्जी से अच्छे दाम पर सोयाबीन की बिक्री की कोशिशों में लगे हैं। वह 4,892 रुपये क्विंटल का एमएसपी दाम प्राप्त करना चाहते हैं जबकि हाजिर दाम अब भी 4,200-4,300 रुपये क्विंटल बना हुआ है। कुल मिलाकर स्थिति पहले से कहीं बेहतर है क्योंकि किसान बिना किसी दबाव के अब अपनी मर्जी से इसे बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पामोलीन से सस्ता होने तथा बिनौले की उपलब्धता कम रह जाने के बीच बिनौला तेल की भी मांग बढ़ी है जिससे इसमें सुधार आया। अब कपास नरमा के दाम अच्छे मिल रहे हैं जिससे आगामी वर्षो में इसका उत्पादन बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है।

सूत्रों ने कहा कि बाजार में ऐसी अफवाह है कि सहकारी संस्था, नेफेड मूंगफली की बिकवाली की तैयारी कर रही है। हाजिर बाजार में मूंगफली का दाम पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 14-15 प्रतिशत नीचे चल रहा है। ऐसे में मूंगफली की जल्द शुरू होने वाली बुवाई से पहले नेफेड द्वारा इसे बेचने की अफवाह का मूंगफली बिजाई पर अच्छा असर नहीं होगा। मूंगफली का कोई विकल्प नहीं है और इसलिए इस ओर तेल संगठनों को गंभीरता से ध्यान देना होगा। किसान अधिक सस्ते में बिकवाली के लिए मंडियों में कम मूंगफली की आवक ला रहे हैं जबकि इसकी मांग अच्छी है। ऐसे में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्ववत बने रहे।

मलेशिया एक्सचेंज के बंद होने से सीपीओ और पामोलीन तेल के भाव भी अपरिवर्तित बने रहे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,325-6,425 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,850-6,225 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,290-2,590 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,390-2,490 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,390-2,515 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,900 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,500 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,450 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,550-4,600 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,250-4,300 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय



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