प्रौद्योगिकी विकास के दौर में भारत एक वैश्विक केंद्र के रूप में खड़ा : डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट |

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(बरुण झा)


दावोस, 20 जनवरी (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने सोमवार को कहा कि प्रौद्योगिकी विकास के इस दौर में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है और स्टार्टअप तथा डिजिटल नवोन्मेष के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में सबसे आगे खड़ा है।

भारत में विश्व आर्थिक मंच के संपर्क कार्यालय, सेंटर फॉर द फोर्थ इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन (सी4आईआर) इंडिया ने यहां डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक-2025 के उद्घाटन दिवस पर अपनी छह साल की यात्रा को लेकर रिपोर्ट पेश की।

डब्ल्यूईएफ ने कहा कि भारत के साथ उसकी साझेदारी 40 साल से भी अधिक पुरानी है।

पिछले चार दशक में, यह संबंध राष्ट्रीय सरकार, कई राज्य सरकारों, प्रमुख उद्योगों के प्रमुखों और नागरिक समाज और अग्रणी विशेषज्ञों सहित अन्य महत्वपूर्ण पक्षों के साथ एक मजबूत, बहुआयामी और सार्थक सहयोग के रूप में विकसित हुआ है। इसके परिणामस्वरूप कई महत्वपूर्ण पहल हुई हैं।

रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा गया है कि भारत विकास के प्रतिमान को आगे बढ़ा रहा है जहां प्रौद्योगिकी बाधा के बजाय एक पुल के रूप में काम करती है। मंच को अधिक मानव-केंद्रित, पर्यावरण अनुकूल और मजबूत भविष्य को आकार देने में भागीदार के रूप में कार्य करने पर गर्व है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में इस केंद्र का उद्घाटन किया था। समाजिक भलाई के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों को जिम्मेदारी से और समावेशी रूप से इस्तेमाल करने की देश की प्रतिबद्धता के रूप में इसे शुरू किया गया था।

मंच ने कहा कि आज, सी4आईआर इंडिया सिर्फ नवोन्मेष का केंद्र नहीं है। बल्कि यह विश्व आर्थिक मंच का एक प्रमुख केंद्र है, जो प्रभावशाली, जमीनी परिणामों के साथ प्रौद्योगिकी-संचालित विकास के दृष्टिकोण का उदाहरण है।

सी4आईआर इंडिया ने कहा कि उसकी उपलब्धियों में कृत्रिम मेधा (एआई) संचालित कृषि कार्यक्रम शामिल हैं जो किसानों की आय बढ़ाते हैं। स्वास्थ्य देखभाल समाधान हैं जो जीवन रक्षक सेवाओं तक पहुंच प्रदान करते हैं और टिकाऊ शहरी विकास ढांचा है जो शहरों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।

विश्व आर्थिक मंच के प्रबंध निदेशक जेरेमी जुर्गेन्स ने कहा, ‘‘पिछले छह वर्षों में, सी4आईआर इंडिया विभिन्न पक्षों के साथ सहयोग के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। बढ़ी हुई आजीविका और स्वास्थ्य देखभाल तक बेहतर पहुंच के माध्यम से 12.5 लाख नागरिकों के जीवन में सुधार किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र ने कृषि, स्वास्थ्य और विमानन में चौथी औद्योगिक क्रांति प्रौद्योगिकियों को संचालित किया है और परिवर्तनकारी प्रगति के लिए एक मानदंड स्थापित कर रहा है। केंद्र अपने विस्तार के साथ अब कृत्रिम मेधा, जलवायु प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें समाज के लिए स्थायी मूल्य बनाने की काफी क्षमता है।’’

भाषा रमण अजय

अजय



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