नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने शुक्रवार को कहा कि आज के डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी तक पहुंच में अधिक समावेश सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने भाषा, क्षेत्रीयता, आयु व शिक्षा जैसी बाधाओं से बढ़ती चिंताओं का उल्लेख किया जो प्रौद्योगिकी तक सार्वभौमिक पहुंच में अवरोध उत्पन्न करती हैं।
कृष्णन ने सार्वभौमिक स्वीकृति दिवस 2025 के अवसर पर कहा कि प्रौद्योगिकी तक पहुंच को प्राय: गंभीरता से नहीं लिया जाता है। प्रौद्योगिकी का लाभ सभी तक पहुंचाने के मार्ग में भाषा, क्षेत्रीयता, आयु और शिक्षा जैसी बाधाओं के कारण गंभीर अवरोध है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मूल रूप से हमें अधिक समावेशी बनने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। इंटरनेट को लोकप्रिय बनाने के प्रारंभिक चरणों में इसको लेकर यह चिंता कम थी लेकिन अब जब यह इतना लोकप्रिय हो गया है तो इसको लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।’’
सचिव ने प्रौद्योगिकी तक पहुंच को सरल बनाने और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि बहुभाषावाद बाधा न बने, खासकर भारत जैसे भाषाई रूप से विविधतापूर्ण देश में।
कृष्णन ने कहा, ‘‘ हमें अपने संचालन के तरीके में और अधिक समावेशी होने की जरूरत है। अधिक लोगों के लिए प्रौद्योगिकी तक पहुंच को सक्षम बनाना चाहिए। इसके अधिक से अधिक डिजिटल व प्रौद्योगिकी-संचालित होने की राह में हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग किसी भी तरह से वंचित न हों।’’
सार्वभौमिक स्वीकृति (यूए) दिवस बहुभाषी व समावेशी इंटरनेट प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने की एक वैश्विक पहल है।
भाषा निहारिका रमण
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