नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) सरकार ने बुधवार को लोकसभा को बताया कि आंध्र प्रदेश के तुम्मलापल्ले में पानी में यूरेनियम की मौजूदगी क्षेत्र में रेडियोधर्मी खनिज के प्राकृतिक भंडार के कारण है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सदन में कहा कि आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आईआईटी-चेन्नई और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र जैसी विभिन्न एजेंसियों ने क्षेत्र में पानी में यूरेनियम संदूषण के दावों की जांच के लिए व्यापक और गहन जल-भूवैज्ञानिक जांच की।
एजेंसियों ने यह भी जांच की कि क्या भारतीय यूरेनियम निगम (यूसीआईएल) की खनन परियोजना इस तरह के संदूषण के लिए जिम्मेदार है।
सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक जांच में यह निष्कर्ष निकला कि भूजल संदूषण का संभावित कारण यह नहीं है। उन्होंने कहा कि ऊपरी क्षेत्रों में भूजल में यूरेनियम की उच्च सांद्रता की मौजूदगी यह दर्शाती है कि क्षेत्र में प्राकृतिक जमाव के कारण यूरेनियम का यह संदूषण है, जिसके परिणामस्वरूप पानी की गुणवत्ता खराब है।
क्षेत्र में यूरेनियम के दो भंडार हैं – वाईएसआर (कडप्पा) जिले के तुम्मलापल्ले में 2.51 लाख टन यूरेनियम ऑक्साइड और पालनाडु (गुंटूर) जिले के कोप्पुनुरु में 2,761 टन यूरेनियम ऑक्साइड।
भाषा सुभाष अविनाश
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