नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) स्वदेशी विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सीएसआईआर-एनएएल और पायनियर क्लीन एम्प्स प्राइवेट लिमिटेड ने शुक्रवार को दो-सीट वाले प्रशिक्षण विमान हंस-3 के लिए एक प्रौद्योगिकी लाइसेंस समझौता किया।
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)- राष्ट्रीय वैमानिकी प्रयोगशाला (एनएएल) ने इस प्रशिक्षण विमान को डिजाइन किया है।
यह समझौता विनिर्माण और व्यावसायीकरण के साथ उड़ान प्रशिक्षण और संबद्ध अनुप्रयोगों के लिए विपणन और बिक्री के बाद समर्थन के लिए है।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक समारोह में कहा कि नई पीढ़ी का हंस-3 विमान आत्मनिर्भर भारत सहित विभिन्न लक्ष्यों को पूरा करने और विमान विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
नागर विमानन मंत्री के राममोहन ने इस अवसर पर कहा कि देश को अधिक पायलटों की जरूरत है, और स्वदेशी विमान उन पायलटों को प्रशिक्षण देने में मदद करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत के अपने क्षेत्रीय विमान विकसित करने के प्रयास भी जारी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अगले 10 वर्षों में 120 और हवाई अड्डे स्थापित करने की योजना बना रही है। वर्तमान में, देश में 159 परिचालन हवाई अड्डे हैं।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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