प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराया

Ankit
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नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।


स्वतंत्रता दिवस पर, अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ देंगे। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के दौरान लाल किले की प्राचीर से 10 बार तिरंगा फहराया था।

इस मामले में मोदी पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। नेहरू को यह सम्मान 17 बार और इंदिरा को 16 बार मिला था।

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराने से पहले राजघाट जा कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

लाल किला पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने किया।

रक्षा सचिव अरमाने ने दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार का प्रधानमंत्री से परिचय कराया। इसके बाद दिल्ली क्षेत्र के जीओसी मोदी को सलामी मंच पर ले गए, जहां संयुक्त अंतर-सेवा और दिल्ली पुलिस गार्ड ने प्रधानमंत्री को सामान्य सलामी दी।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने सलामी गारद का निरीक्षण किया।

प्रधानमंत्री के लिए सलामी गारद दल में थलसेना, नौसेना, वायु सेना और दिल्ली पुलिस से एक-एक अधिकारी और 24 कर्मी शामिल थे। इस वर्ष भारतीय नौसेना समन्वयकारी सेना है। सलामी गारद की कमान कमांडर अरुण कुमार मेहता ने संभाली।

प्रधानमंत्री के गार्ड में सेना की टुकड़ी की कमान मेजर अर्जुन सिंह ने संभाली। नौसेना की टुकड़ी की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर गुलिया भावेश एनके और वायु सेना की टुकड़ी की कमान स्क्वाड्रन लीडर अक्षरा उनियाल ने संभाली। दिल्ली पुलिस की टुकड़ी की कमान अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अनुराग द्विवेदी ने संभाली।

सलामी गारद का निरीक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़े, जहां उनका स्वागत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने किया।

दिल्ली क्षेत्र के जीओसी प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्राचीर पर मंच तक लेकर गए।

भाषा हक ब्रजेंद्र हक मनीषा

मनीषा



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