नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीदी दिवस पर रविवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इन स्वतंत्रता सेनानियों को लाहौर षड्यंत्र मामले में अंग्रेजों की हुकूमत ने फांसी की सजा दी थी और तीनों सेनानी फांसी के समय भी आजादी के नारे लगाते हुए एकदम निडर रहे थे।
भगत सिंह ने बटुकेश्वर दत्त के साथ आठ अप्रैल 1929 को ‘सेंट्रल असेंबली’ में बम फेंका था। बम फेंकने का उद्देश्य किसी की हत्या करना नहीं, बल्कि विरोध दर्शाना था।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर षड्यंत्र मामले के तहत सांडर्स हत्याकांड में 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी। उस समय तीनों की उम्र 25 वर्ष से कम थी।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज, हमारा राष्ट्र भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के सर्वोच्च बलिदान को याद कर रहा है। स्वतंत्रता और न्याय के लिए उनका निडर प्रयास हम सभी को प्रेरित करता रहेगा।’’
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सिम्मी नेत्रपाल
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