वारसॉ, 21 अगस्त (भाषा) पोलैंड में भारत की शीर्ष राजनयिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान पोलिश नेतृत्व के साथ उनकी चर्चा से दोनों पक्षों को विभिन्न विषयों पर शीर्ष स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह विचारों का ‘‘सार्थक आदान-प्रदान’’ होगा।
पोलैंड में अपने प्रवास के दौरान मोदी राष्ट्रपति आंद्रजेज सेबेस्टियन डूडा से मिलेंगे और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा पिछले 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली पोलैंड यात्रा है।
पोलैंड में भारतीय राजदूत नगमा मोहम्मद मलिक ने यहां ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री द्वारा पोलिश नेतृत्व के साथ की जाने वाली चर्चाओं से दोनों पक्षों को विभिन्न विषयों पर शीर्ष स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा। इस प्रकार की विस्तृत चर्चा हमने पिछले कुछ समय से नहीं की है।’’
उन्होंने कहा कि पोलैंड यूरोपीय संघ का एक महत्वपूर्ण सदस्य है तथा मध्य यूरोप में यह एक बड़ी और बहुत सफल अर्थव्यवस्था है तथा भारतीय व्यवसाय और व्यापार पहले से ही काफी अच्छा है तथा बढ़ रहा है, लेकिन इसमें और बेहतर करने की गुंजाइश है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा समझौता हस्ताक्षर के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सक्षम प्रावधानों के केवल कुछ प्रावधानों पर काम किया जाना बाकी है।
मलिक ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बैठक से अन्य रास्ते तलाशने का मौका मिलेगा।
लोगों से लोगों के संपर्क के बारे में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इन सभी लोगों के माध्यम से पता चलेगा कि पोलैंड के लोग भारत के सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति कितने खुले हैं, योग के प्रति उनका प्रेम, आयुर्वेद के प्रति उनका खुलापन, भारतीय फिल्मों के प्रति उनका लगाव तथा संस्कृत साहित्य के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा और विद्वता कैसी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मेरा मानना है कि ये सभी बातें दोनों पक्षों को बहुत कुछ पहचानने, सोचने के लिए प्रेरित करेंगी, तथा वे दोनों पक्षों को संबंधों को व्यापक बनाने के लिए आगे बढ़ने का मार्ग प्रदान करेंगी।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा व्यापार छह अरब अमेरिकी डॉलर का है। हम पोलैंड से मशीनरी, रसायन आयात करते हैं और पोलैंड को मशीनरी, मशीन उपकरण, परिधान और वस्त्र, रसायन, जैविक और कुछ उपभोक्ता वस्तुओं जैसे प्लास्टिक जैसे अन्य प्रकार के रसायन निर्यात करते हैं। इसलिए मैं कह सकती हूं कि व्यापार संबंध काफी विविधतापूर्ण हैं। इसमें और अधिक संभावनाएं हैं।’’
उन्होंने कहा कि पोलैंड में भारतीय निवेश लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां सभी प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों का प्रतिनिधित्व है। यहां विनिर्माण संबंधी चीजें भी हैं। पैकेजिंग इकाइयां हैं… ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें हमारे निवेशकों ने निवेश किया है।’’
राजदूत ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करती हूं कि प्रधानमंत्री की यहां की यात्रा से एक दूसरे की संभावनाओं के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी।’’
उन्होंने इसे प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड की ‘‘बहुत महत्वपूर्ण’’ यात्रा बताया। यह मध्य यूरोप की उनकी पहली यात्रा है और दशकों बाद (भारतीय) प्रधानमंत्री की यह यात्रा हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘कई महान पोलिश विद्वान हैं जिन्होंने संस्कृत का अध्ययन किया है, जिन्होंने प्राचीन भारत का अध्ययन किया है। उन्होंने इनमें से बहुत से ग्रंथों का अनुवाद किया है, वेद, उपनिषद, भगवद गीता, और वर्तमान में महाभारत का वारसॉ विश्वविद्यालय में सीधे संस्कृत से पोलिश भाषा में अनुवाद किया जा रहा है।’’
भाषा
देवेंद्र वैभव
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