प्रत्यर्पण मुद्दा द्विपक्षीय प्रक्रिया, उम्मीद है कि देश आपस में सहयोग करेंगे: संयुक्त राष्ट्र |

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(योषिता सिंह)


संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा, 12 फरवरी (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से वापस लाने के प्रयासों के बीच, संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि प्रत्यर्पण का मुद्दा एक द्विपक्षीय प्रक्रिया है और उम्मीद जताई कि देश जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे का सहयोग और समर्थन करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख रोरी मुंगोवेन ने बुधवार को जिनेवा में प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘निष्कर्ष यह है कि जो कुछ भी हुआ उसके लिए तथा जो बहुत गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और संभवतः अंतरराष्ट्रीय अपराध है, उसके लिए जिम्मेदार सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’’

बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गईं थी और पिछले साल पांच अगस्त से वह यहां हैं। इन व्यापक प्रदर्शन के बाद उनकी अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार गिर गयी थी।

इसके बाद मोहम्मद यूनुस ने आठ अगस्त, 2024 को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाला था।

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य तथा असैन्य अधिकारियों के खिलाफ ‘‘मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार’’ के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

हसीना और भारत से उनके प्रत्यर्पण को लेकर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए मुंगोवेन ने कहा, ‘‘प्रत्यर्पण का मुद्दा वास्तव में एक द्विपक्षीय प्रक्रिया है और हम उम्मीद करते हैं कि देश जवाबदेही के इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक-दूसरे का सहयोग और समर्थन करेंगे, चाहे वह भारत हो या अन्य देश जहां लोग शरण ले सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि अन्य तरीके भी हैं जिनसे देश बांग्लादेश के साथ सहयोग और समर्थन कर सकते हैं, उदाहरण के लिए, भ्रष्टाचार की जांच करना और संपत्तियों या गलत तरीके से अर्जित, चुराए गए धन का पता लगाना।

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात है सहयोग करना’’। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रत्यर्पण प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय मानकों का सम्मान किया जाना चाहिए।

बांग्लादेशी नेताओं को देश में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने के लिए वापस लाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के गंभीर उल्लंघन और इस प्रकार के दुरुपयोग के मामले में जवाबदेही की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि वास्तव में जवाबदेही तय की जाए।’’

तुर्क ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि निष्पक्ष सुनवाई के मानक हों, उचित प्रक्रिया की गारंटी हो तथा इसमें हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से भी यथासंभव समर्थन की आवश्यकता है।’’

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश



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