पूर्व हुर्रियत नेता ने अलगाववाद की निंदा की, भारतीय संविधान के प्रति निष्ठा का संकल्प लिया

Ankit
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श्रीनगर, 25 मार्च (भाषा) हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व नेता और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाहिद सलीम ने खुद को और अपने संगठन को अलगाववादी विचारधारा से अलग कर लिया है और भारत एवं संविधान के प्रति निष्ठा का संकल्प लिया है।


सलीम ने यहां स्थानीय प्रेस को लिखे एक नोट में कहा, ‘‘मैं भारत का एक वफादार नागरिक हूं, और मेरा संगठन और मैं, दोनों भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं।’’

उन्होंने अपने संदेश में कहा कि उन्हें और उनके संगठन को ‘ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ की विचारधारा से कोई सहानुभूति नहीं है, जो ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं और शिकायतों को दूर करने में सक्षम नहीं है।’’

सलीम ने कहा, ‘‘मैं भारत का एक वफादार नागरिक हूं। मेरा संगठन और मैं किसी ऐसे संगठन या संघ से संबद्ध नहीं हैं, जिसका एजेंडा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत और उसके हितों के खिलाफ हो। मेरा संगठन और मैं, दोनों भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं।’’

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी शाह फैसल ने मार्च, 2019 में जब नौकरी छोड़ दी थी, और उसी नाम एवं शैली से अपनी पार्टी शुरू की, तो सलीम ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि उनकी जेकेपीएम की स्थापना चार अप्रैल, 2000 को प्रेस क्लब जम्मू में की गई थी और यह ‘ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ (एपीएचसी) की घटक दल थी।

लेकिन फैसल ने बाद में अपना इस्तीफा वापस ले लिया और सेवा में बहाल हो गए। फैसल 2022 में पर्यटन विभाग में उपसचिव के पद पर तैनात हुए।

भाषा संतोष रंजन

रंजन



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