पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह |

Ankit
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इंफाल, 13 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओकराम इबोबी सिंह ने रविवार को कहा कि पार्टी की मणिपुर इकाई वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेगी।


मणिपुर के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके सिंह ने दावा किया कि यह अधिनियम संविधान का घोर उल्लंघन है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस कानून का पूरी तरह से विरोध करते हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, लेकिन (केंद्र की) मौजूदा राजग सरकार मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमला कर रही है। कांग्रेस की राज्य इकाई इस कानून के खिलाफ लड़ने की तैयारी कर रही है। एक टीम दिल्ली के लिए रवाना होगी और बुधवार तक, इस कानून को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर करेगी।’’

सिंह ने कहा, ‘‘वक्फ (संशोधन) अधिनियम संविधान का घोर उल्लंघन है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर भी सवाल उठाया और आश्चर्य जताया कि विधानसभा में पर्याप्त संख्या बल होने के बावजूद भाजपा सरकार क्यों नहीं बना रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के पक्ष में नहीं हैं। लोकतांत्रिक सरकार का प्रतिनिधित्व विधायक करते हैं। राष्ट्रपति शासन लगाने से पता चलता है कि वे राज्य में शासन नहीं कर सकते और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम नहीं हैं। अब भी उनके (भाजपा के) पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या है। लेकिन हमें नहीं पता कि इसकी (सरकार बनाने की) अनुमति क्यों नहीं दी गई।’’

उन्होंने कुकी समुदाय से चुराचांदपुर जिले में थांगजिंग पहाड़ियों पर मेइती लोगों की वार्षिक तीर्थयात्रा के प्रति अपने विरोध पर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘चाहे कुकी हों, नागा हों, मुस्लिम हों या मेइती हों, हम मणिपुर में अनादि काल से एक साथ रह रहे हैं। मैं कुकी समुदाय से अपील करना चाहूंगा कि वे थांगजिंग पहाड़ियों की वार्षिक तीर्थयात्रा के विरोध पर पुनर्विचार करें। हमें एक साथ रहना ही होगा। हम सभी मणिपुरी हैं। हम अवैध प्रवासियों के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन स्थानीय लोगों को एक साथ रहना होगा।’’

उन्होंने यह अपील कम से कम छह कुकी संगठनों द्वारा मेइती समुदाय की थांगजिंग पहाड़ियों की वार्षिक तीर्थयात्रा का विरोध करने के बीच की।

भाषा धीरज सुभाष

सुभाष



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