चंडीगढ़, 29 मार्च (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने शनिवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) निर्मल यादव और चार अन्य को 2008 के घर के दरवाजे पर नकदी मिलने के मामले में बरी कर दिया।
मामले में, 13 अगस्त 2008 को उच्च न्यायालय की एक अन्य कार्यरत न्यायाधीश न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर के आवास पर कथित रूप से 15 लाख रुपये से भरा एक पैकेट गलत तरीके से पहुंचा दिया गया था। आरोप लगाया गया था कि यह नकदी न्यायमूर्ति निर्मल यादव को एक संपत्ति सौदे को प्रभावित करने के लिए रिश्वत के रूप में दी जानी थी।
सीबीआई की विशेष न्यायाधीश अलका मलिक की अदालत ने शनिवार को यह फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के वकील विशाल गर्ग ने बताया कि अदालत ने पूर्व न्यायाधीश निर्मल यादव और चार अन्य को बरी कर दिया है। मामले में कुल पांच आरोपी थे, जिनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई।
अदालत ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में अंतिम दलीलें सुनी थीं और फैसला सुनाने के लिए 29 मार्च की तारीख तय की थी।
भाषा आशीष पवनेश
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