पूर्वोत्तर राज्यों को अब दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में देखा जा रहा है : केंद्रीय मंत्री शेखावत |

Ankit
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काजीरंगा (असम), 27 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों को अब “दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार” के रूप में देखा जाता है और उन्हें अलगाववाद के विचार से नहीं जोड़ा जाता। उन्होंने प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध क्षेत्र की संस्कृति और विरासत की भी सराहना की।


यहां अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट (आईटीएम) के 12वें संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) का क्षेत्रफल “400 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 1,300 वर्ग किलोमीटर हो गया है।”

केएनपी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और एक सींग वाले गैंडे का पर्यावास है। इसे 1974 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।

पूर्वोत्तर राज्यों की सुंदरता, विरासत, सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक संपदा को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के इस महत्वपूर्ण हिस्से ने अपनी संस्कृति, परंपराओं और उद्यमशीलता कौशल के माध्यम से अपने लिए एक जगह बनाई है।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की पहचान अब अलगाववाद के विचार से नहीं बल्कि “दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार” के रूप में देखी जाती है।

आईटीएम का आयोजन पर्यटन मंत्रालय द्वारा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को उजागर करने के लिए किया जाता है।

यह आठ पूर्वोत्तर राज्यों – असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम – के पर्यटन कारोबार और उद्यमियों को एक साथ लाता है, ताकि खरीदारों, विक्रेताओं, मीडिया, सरकारी एजेंसियों और अन्य हितधारकों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा दिया जा सके।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी समारोह के दौरान मंच पर मौजूद थे।

भाषा प्रशांत रंजन

रंजन



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