मुंबई, 25 मार्च (भाषा) मुंबई पुलिस ने करोड़ों रुपये के टोरेस घोटाले से जुड़े मामले में दायर आरोपपत्र में कहा है कि आरोपियों ने नकद निवेश पर दो फीसदी अधिक रिटर्न की पेशकश की और ऑनलाइन निवेश स्वीकार करने से परहेज किया, ताकि वे आसानी से धन का दुरुपयोग कर सकें।
विशेष एमपीआईडी (महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण अधिनियम) अदालत में कुछ दिन पहले दायर 27 हजार पन्नों के आरोपपत्र में दावा किया गया है कि आरोपियों ने निवेशकों को मोइसानाइट रत्न और सोने/चांदी के आभूषणों की खरीदारी में नकदी का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
आरोपपत्र में कहा गया है कि कंपनी ने ग्राहकों को लुभाने के लिए फ्लैट, कार, मोबाइल फोन और टेलीविजन सेट जैसे आकर्षक उपहारों की भी पेशकश की थी।
इसमें कहा गया है कि नकदी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने के लिए दो फीसदी अधिक रिटर्न का लालच दिया गया था और नेटवर्क संबंधी समस्याओं एवं इंटरनेट की धीमी गति जैसे बहाने बनाकर ऑनलाइन भुगतान लेने से परहेज किया गया था।
टोरेस ब्रांड के मालिकाना हक वाली कंपनी प्लैटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड पर पोंजी और मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) योजनाओं के संयोजन के जरिये लगभग 14,000 निवेशकों से कम से कम 142 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस घोटाले के सिलसिले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
घोटाले के पीड़ितों में एक पानी-पूरी बेचने वाला, गृहणियां, वेतनभोगी व्यक्ति और व्यवसायी शामिल थे। 27,000 पन्नों का आरोपपत्र विशेष महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण (एमपीआईडी) अधिनियम अदालत के समक्ष दायर किया गया।
भाषा पारुल पवनेश
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