पुलिस कुलतली मामले में पॉक्सो के तहत दर्ज करे प्राथमिकी: ममता |

Ankit
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कोलकाता, छह अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को पुलिस को निर्देश दिया कि दक्षिण 24 परगना में 10 साल की बच्ची से कथित दुष्कर्म और हत्या मामले में पॉक्सो के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि दोषियों को तीन महीने के भीतर मृत्युदंड की सजा मिले।


बनर्जी का निर्देश ऐसे समय में आया है, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रविवार को आदेश दिया कि स्कूली छात्रा का दूसरा पोस्टमार्टम सोमवार को कल्याणी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में, बरुईपुर अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की उपस्थिति में किया जाए।

शनिवार को ट्यूशन कक्षा के बाद 10 वर्षीय बच्ची जयनगर स्थित घर लौट रही थी, तभी यह घटना हुई।

न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने बच्ची के माता-पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि अगर एम्स (कल्याणी) में पोस्टमार्टम करने के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी है, तो इसे वहीं स्थित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल में किया जाना चाहिए। हालांकि, पोस्टमार्टम एम्स, कल्याणी के चिकित्सकों द्वारा किया जाना चाहिए, न कि राज्य सरकार द्वारा संचालित अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा।

स्कूली छात्रा का शव अभी कांटापुकुर शवगृह में रखा गया है, जहां पहला पोस्टमार्टम किया गया था।

ममता बनर्जी ने ऑनलाइन माध्यम से कई दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन करने के बाद कोलकाता पुलिस बॉडीगार्ड लाइन्स में संबोधित करते हुए कहा कि अपराध का कोई रंग, जाति या धर्म नहीं होता।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि पुलिस कुलतली मामले में पॉक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करे और सुनिश्चित करे कि दोषियों को तीन महीने के भीतर मृत्युदंड की सजा मिले…अपराध अपराध होता है, इसका कोई धर्म या जाति नहीं होती। अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

उन्होंने बलात्कार के मामलों में ‘मीडिया ट्रायल’ पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसे रोका जाना चाहिए क्योंकि इससे जांच में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

बच्ची के शव की बरामदगी के बाद कुलतुली में हुए विरोध-प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर दिखाए जा रहे ‘‘बुरे वीडियो’’ के खिलाफ भी विरोध करना चाहिए, जो बच्चों को बिगाड़ रहे हैं और उन्हें अपराध की ओर बढ़ा रहे हैं।

बनर्जी ने कहा, ‘‘जो लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, मैं उनसे कहूंगी कि कृपया ऐसा करें क्योंकि इससे हमें मजबूत होने में मदद मिलती है और यह आपका लोकतांत्रिक अधिकार भी है। लेकिन, याद रखें कि सोशल मीडिया पर दिखाए जा रहे ‘बुरे वीडियो’ बच्चों को बिगाड़ रहे हैं और बच्चों में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर पश्चिम बंगाल में कोई छोटी सी घटना भी होती है, तो बहुत शोर-शराबा होता है। लेकिन किसी अन्य स्थान पर इसी तरह की घटनाएं होने पर लोग चुप रहते हैं।’’

बनर्जी ने कहा कि फर्जी वीडियो बनाने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल किया जा रहा है। बनर्जी ने लोगों को आगाह किया कि वे बिना उचित सत्यापन के उनके भाषण वाले किसी भी वीडियो पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कथित रूप से दुष्कर्म के बाद हत्या की शिकार 10 वर्षीय बच्ची का शव शनिवार को दक्षिण 24 परगना के कुलतली में मिला, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने एक पुलिस चौकी में आग लगा दी और वहां खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की।

इससे पहले दिन में, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने कुलतली जाकर वहां एक रैली आयोजित की।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया की आयोग की एक टीम ने कुलतली का दौरा किया और मृतक लड़की के माता-पिता से बात की।

उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है? यह एक चिंताजनक स्थिति है और अपराधी को ऐसे दंडित किया जाना चाहिए कि एक मिसाल बन सके।’’

भाषा शफीक देवेंद्र

देवेंद्र



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