पुलिसकर्मियों पर हमले को लेकर अधिकारी ने कहा, ‘वर्दीधारी लोग आत्मरक्षा में चला सकते हैं गोली’ |

Ankit
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पटना, 17 मार्च (भाषा) बिहार के कई हिस्सों में हाल ही में पुलिसकर्मियों पर हुए हमलों के बीच पुलिस विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि वर्दीधारी लोग आत्मरक्षा में गोली चला सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचे।


अपर महानिदेशक (एडीजी) कुंदन कृष्णन ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा, “राज्य के कई हिस्सों में पुलिसकर्मियों पर हाल ही में हुए हमलों में शामिल लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी आत्मरक्षा में गोली चला सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचे।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस के पास हथियारों और गोला-बारूद की कोई कमी नहीं है।

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों पर हमले की कुल 12 घटनाएं सामने आईं, जिनमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 27 पुलिसकर्मी घायल हुए।

अधिकारी ने बताया कि मुझे कहना होगा कि जिन पुलिसकर्मियों पर भीड़ ने हमला किया, वे हथियारबंद थे लेकिन उन्होंने संयम बनाए रखा और हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया।

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले सभी लोगों की पहचान कर ली गई है।

बिहार में हाल ही में दो सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) की लोगों द्वारा हमले किए जाने के बाद मौत हो गई थी।

उन्होंने बताया, “पिछले दो-तीन दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों (अररिया, मुंगेर, भागलपुर, नवादा, पटना, भोजपुर, जहानाबाद) से पुलिसकर्मियों पर हमले की खबरें आई हैं।”

इस बीच, बिहार विधानसभा के सदस्यों ने पार्टी लाइन से हटकर राज्य में पुलिसकर्मियों पर हमलों की हालिया घटनाओं पर सोमवार को चिंता व्यक्त की।

बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने बाद में विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री से उनके कक्ष में मुलाकात की।

सूत्रों के अनुसार, दोनों शीर्ष अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को राज्य में पुलिसकर्मियों पर हाल ही में हुए हमलों और कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी दी।

नीतीश कुमार के पास गृह विभाग का प्रभार भी है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सदन के बाहर पत्रकारों से कहा, “राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। राज्य के कई हिस्सों में हमलों में कई पुलिसकर्मी मारे गए और घायल हुए लेकिन मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री जी अचेत अवस्था में हैं। मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है लेकिन उन्हें राज्य में पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था की जरा भी चिंता नहीं है। उनकी सरकार 20 वर्ष से सत्ता में है। नीतीश कुमार के कार्यकाल में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की हत्या हुई है।”

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पिछले 20 वर्षों में 60,000 हत्याएं और 25000 दुष्कर्म/सामुहिक दुष्कर्म हुए हैं।

भाषा अनवर जितेंद्र

जितेंद्र



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