नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने की वजह से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की डूबने से हुई मौत के मद्देनजर बुधवार को नालियों की उचित सफाई, पंपों के संचालन, सड़क मरम्मत कार्य और बिजली के करंट से बचने के लिए एहतियाती उपाय के तहत एक मानक परिचालन प्रकिया (एसओपी) जारी की।
पीडब्ल्यू द्वारा जारी आधिकारिक ज्ञापन के मुताबिक, नालों से निकाली गई गाद को अधिकतम दो घंटे के भीतर अधिकृत ‘डम्पिंग ग्राउंड’ में डाला जाना चाहिए क्योंकि बारिश के दौरान गाद को सूखने के लिए सीमित समय मिलता है।
दिल्ली में इस मानसून में भारी बारिश हुई है, जिसके कारण कम समय में ही जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। दिल्ली में बुधवार को भी एक घंटे में सौ मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया, जिसके कारण मौसम विभाग को ‘रेड’ अलर्ट जारी करना पड़ा।
ज्ञापन में कहा गया कि हाल ही में बिजली का करंट लगने, बेसमेंट में पानी भर जाने, नालियों में गिरने और सड़कों पर गड्ढों के कारण दुर्घटनाएं होने की कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं सामने आई हैं।
इन घटनाओं को देखते हुए सभी नालों से गाद पूरी तरह साफ करनी होगी।
पीडब्ल्यूडी ने कहा, ‘‘नालों के कुछ हिस्सों पर अतिक्रमण है और उस अतिक्रमण को पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को खुद या दिल्ली पुलिस, जिलाधिकारी, एमसीडी आदि की मदद से हटाना होगा, लेकिन किसी भी मामले में गाद हटाने से बचना नहीं चाहिए क्योंकि इससे बाढ़ आती है। राजेंद्र नगर में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां अतिक्रमण के कारण नाले से गाद नहीं निकाली जा सकी और बेसमेंट में पानी भर जाने से छात्रों की मौत हो गई।’’
एसओपी के मुताबिक, नालों से बाहर पानी बहने की स्थिति में उसकी जांच की जानी चाहिए और आखिरी बिंदु पर संभावित रुकावटों का पता लगाकर तुरंत गाद निकाली जानी चाहिए।
इसमें कहा गया है कि एक बार गाद निकालना पर्याप्त नहीं है क्योंकि ठोस कचरा पीडब्ल्यूडी नाले में आ रहा है। इसलिए, सभी नालों को आवश्यक मशीनों आदि की तैनाती करके हर समय गाद निकालते रहना चाहिए।
एसओपी के अनुसार, गाद निकालने से पहले और बाद की तस्वीरें एवं वीडियो रिकॉर्ड में रखे जाने चाहिए।
भाषा धीरज नेत्रपाल
नेत्रपाल