नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 23 प्रतिशत बढ़कर 7,759.56 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने बताया कि उसका मुनाफा मुख्य रूप से आमदनी बढ़ने के कारण बढ़ा।
पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 6,294.44 करोड़ रुपये रहा था।
पीएफसी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में उसकी कुल आमदनी बढ़कर 26,821.84 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 23,593.40 करोड़ रुपये थी।
कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष वर्ष 2024-25 के लिए 10 रुपये अंकित मूल्य के इक्विटी शेयर पर 3.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की दर से तीसरे अंतरिम लाभांश की घोषणा को भी मंजूरी दी।
लाभांश के लिए रिकॉर्ड तिथि 28 फरवरी, 2025 है। तीसरे अंतरिम लाभांश का भुगतान 11 मार्च, 2025 को या उससे पहले होगा।
कंपनी ने बयान में कहा कि उसका एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि के लिए 17 प्रतिशत बढ़कर 22,157 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 18,905 करोड़ रुपये था।
पीएफसी का सकल गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) भी 0.83 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट के साथ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में में 2.30 प्रतिशत रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.13 प्रतिशत था।
कंपनी चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) परमिंदर चोपड़ा ने कहा कि कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा खंड में दिसंबर तिमाही में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे भारत के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा ऋणदाता के रूप में पीएफसी की स्थिति मजबूत हुई।
भाषा अनुराग रमण
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