पिछले 12 महीनों में 66 प्रतिशत व्यवसायों ने रिश्वत दी: सर्वेक्षण |

Ankit
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नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) देशभर के 159 जिलों में लगभग 66 प्रतिशत व्यापारिक कंपनियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में रिश्वत दी है। ऑनलाइन मंच लोकलक्रिकल्स की रविवार को जारी रिपोर्ट में यह कहा गया है।


सर्वेक्षण में 18,000 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं, जिसमें पाया गया कि 54 प्रतिशत को रिश्वत देने के लिए मजबूर किया गया, जबकि 46 प्रतिशत ने प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए स्वेच्छा से भुगतान किया।

रिपोर्ट में कहा गया, “कई कंपनियां नाम न छापने की शर्त पर बताती हैं कि सरकारी विभागों से परमिट या अनुपालन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रिश्वत देना आम बात है। प्राधिकरण लाइसेंस की डुप्लिकेट प्रति या संपत्ति से जुड़े किसी भी मामले में रिश्वत देना आम बात है। सर्वेक्षण में शामिल 66 प्रतिशत व्यवसायों ने पिछले 12 महीनों में रिश्वत दी है।”

सर्वेक्षण में शामिल केवल 16 प्रतिशत व्यवसायों ने दावा किया कि वे हमेशा रिश्वत दिए बिना काम करवाने में कामयाब रहे हैं और 19 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें ऐसा करने की “आवश्यकता नहीं पड़ी।”

रिपोर्ट में कहा गया है, “पिछले 12 महीनों में जिन व्यवसायों ने रिश्वत दी, उनमें से 54 प्रतिशत को ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया, जबकि 46 प्रतिशत ने समय पर काम होने के लिए भुगतान किया। इस तरह की रिश्वत जबरन वसूली के समान है, जहां सरकारी एजेंसियों के साथ काम करते समय परमिट, आपूर्तिकर्ता योग्यता, फाइलें, ऑर्डर, भुगतान नियमित रूप से रोके जाते हैं।”

रिपोर्ट के अनुसार, कई स्थानों पर कम्प्यूटरीकरण के बावजूद तथा सीसीटीवी से दूर बंद दरवाजों के पीछे व्यवसायों द्वारा रिश्वत देना जारी है।

व्यवसायों ने पिछले 12 महीनों में आपूर्तिकर्ता के रूप में अर्हता प्राप्त करने, कोटेशन और ऑर्डर सुरक्षित करने तथा भुगतान एकत्र करने के लिए विभिन्न प्रकार की संस्थाओं को रिश्वत देने की बात स्वीकार की है।

यह सर्वेक्षण 22 मई से 30 नवंबर 2024 के बीच किया गया था। सर्वेक्षण में भाग लेने वाली व्यावसायिक फर्मों ने कहा कि 75 प्रतिशत रिश्वत कानूनी, माप विज्ञान, खाद्य, औषधि, स्वास्थ्य आदि विभागों के अधिकारियों को दी गई।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय



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