पिछले साल की तुलना में दिल्ली के ध्वनि प्रदूषण के स्तर के मिलेजुले परिणाम

Ankit
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नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) दिल्ली वालों ने दिवाली पर पाबंदी के बावजूद आतिशबाजी की, वहीं पिछले साल की तुलना में शहर में ध्वनि प्रदूषण स्तर में मिलीजुली प्रवृत्ति देखने को मिली। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इसकी जानकारी दी।


डीपीसीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार दिवाली के दिन दिल्ली के ध्वनि स्तर में पिछले साल की तुलना में वृद्धि देखी गई।

शाम छह बजे से आधी रात तक डेसीबल (डीबी) में मापी गई रीडिंग से पता चला कि करोल बाग में ध्वनि स्तर शहर में सर्वाधिक दर्ज किया गया और औसत स्तर 88.7 डीबी रहा, जबकि 2023 में ध्वनि का स्तर 84.5 डीबी दर्ज किया गया था।

अलीपुर और नजफगढ़ में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जहां ध्वनि का स्तर क्रमशः 58.0 डीबी और 58.3 डीबी तक पहुंच गया, जो 2023 की तुलना में पांच प्रतिशत और आठ प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

प्रदूषण से निपटने के प्रयास में, दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें वर्ष पटाखों के विनिर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

आवासीय क्षेत्रों में, मुंडका में शोर के स्तर में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अशोक विहार में मामूली गिरावट देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्यिक क्षेत्र भी प्रभावित हुए। कनॉट प्लेस और द्वारका दोनों में ध्वनि स्तर में वृद्धि दर्ज की गई जो क्रमशः 70.9 डीबी और 74.0 डीबी तक पहुंच गया।

इसके विपरीत, कश्मीरी गेट में ध्वनि के स्तर में छह प्रतिशत की कमी आई जो 2023 में 73.8 डीबी से इस वर्ष 69.3 डीबी हो गया।

औद्योगिक क्षेत्रों में भी मिश्रित परिणाम दर्ज किए गए, जहां वजीरपुर में ध्वनि के स्तर में तीन प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि नरेला में 1.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

भाषा वैभव रंजन

रंजन



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