(एम जुल्करनैन और सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 22 फरवरी (भाषा) पाकिस्तान की कराची जेल में बंद रहे भारत के 22 मछुआरों को शनिवार को रिहा कर वापस स्वदेश भेज दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि रिहा किये गये मछुआरों को यहां के निकट वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया।
रिहा किये गये भारतीय मछुआरों को ‘ईदी फाउंडेशन’ द्वारा संचालित एक विशेष बस के जरिए कराची से लाहौर लाया गया था।
‘ईदी फाउंडेशन’ के प्रवक्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ईदी फाउंडेशन ने प्रत्येक भारतीय मछुआरे को 5,000 पाकिस्तानी रुपये, भोजन और उपहार दिए हैं।’’
कराची से रिहा किये गये भारतीय मछुआरों में भूपत, माला, कृष्ण, खलाफ, मोहन, आसिफ, अशोक, अकबर, लखमन, मोजी, दीपक, राम, हरि, टपू, सुरेश, विजय, मनोज कुमार, वीनू, महेश, सुभाष, संजय और सेलेंद्र शामिल हैं।
इससे पहले दिन में, मलीर (कराची) जेल अधीक्षक अरशद शाह ने संवाददाताओं को बताया था कि मछुआरों को उनकी सजा पूरी होने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है।
दरअसल, दोनों देशों के मछुआरे मछली पकड़ते हुए समुद्री सीमाओं को पार कर एक-दूसरे के जल क्षेत्र में घुस जाते हैं जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है।
‘ईदी फाउंडेशन’ के अध्यक्ष फैसल ईदी ने भारत और पाकिस्तान दोनों से आग्रह किया कि वे गलती से समुद्री सीमा पार करने वाले मछुआरों के प्रति अधिक करुणापूर्ण दृष्टिकोण अपनाएं।
दोनों देशों के बीच एक जनवरी को आदान-प्रदान की गई कैदियों की सूची के अनुसार, पाकिस्तान में 266 भारतीय कैदी हैं जिसमें 217 मछुआरे हैं।
वहीं, भारत द्वारा साझा की गई सूची के अनुसार, भारतीय जेलों में कुल 462 पाकिस्तानी कैदी हैं जिनमें 81 मछुआरे हैं।
लोकसभा में विदेश मंत्रालय की ओर से 12 दिसंबर, 2024 को दिए गए जवाब में बताया गया था कि 2014 से अब तक कुल 2639 भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है।
फैसल ईदी ने लंबी अवधि तक जेल में रहने के दौरान मछुआरों के परिवारों की पीड़ा को उजागर किया तथा सजा पूरी होने के बाद उनकी तत्काल रिहाई तथा शीघ्र वापसी का आह्वान किया।
पाकिस्तानी अधिकारी भारतीय मछुआरों को वाघा सीमा पर पहुंचाते हैं, जहां भारतीय अधिकारी आधिकारिक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनकी वापसी की व्यवस्था करते हैं। इसी तरह, भारतीय अधिकारी पाकिस्तानी मछुआरों को वाघा सीमा पर पहुंचाते हैं, जहां पाकिस्तानी अधिकारी उनकी वापसी की व्यवस्था करते हैं।
भाषा प्रीति देवेंद्र
देवेंद्र