पाकिस्तान में पोलियो का एक और मामला मिला, कुल मामले बढ़ कर 22 हुये

Ankit
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(सज्जाद हुसैन)


इस्लामाबाद, 26 सितंबर (भाषा) पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पोलियो का एक और मामला सामने आया है, जिससे इस बीमारी के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है जो इसे समाप्त करने के सरकार के प्रयासों के लिए झटका है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पोलियोग्रस्त हालिया पीड़ित बलूचिस्तान के पिशिन का रहने वाला है, और उसकी उम्र ढाई साल है।

अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में पोलियो उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय संदर्भ प्रयोगशाला ने बुधवार को बच्चे में वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप एक (डब्ल्यूपीवी 1) की उपस्थिति की पुष्टि की, जिससे इस वर्ष अब तक रिपोर्ट किए गए मामलों की कुल संख्या 22 हो गई है। इनमें अकेले बलूचिस्तान से 15 मामले सामने आये हैं।

प्रयोगशाला के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सिंध में चार मामले सामने आये हैं जबकि खैबर-पख्तूनख्वा, पंजाब और इस्लामाबाद में एक-एक मामले सामने आए हैं।’’

पाकिस्तान में पोलियो के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताते हुए पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम का जिम्मा संभाल रहीं ‘प्राइम मिनिस्टर्स फोकल पर्सन फॉर पोलियो इरेडिकेशन’ आयशा रजा फारुक ने जोर देकर कहा कि अपने बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में माता पिता की भूमिका अहम होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हर मामला उस बच्चे के बारे में बताता है जिसका जीवन पोलियो के कारण कष्टकर बन जाता है और वह अनावश्यक रूप से इससे प्रभावित होता है। इसका एकमात्र समाधान समय पर और बार बार टीकाकरण कराना है। हर नया मामला हमें याद दिलाता है कि हम अपने बच्चों के मामले में नाकाम रहे हैं और उन्हें भी असफल बना दिया है। पोलियो के खिलाफ इस जंग में मैं सभी अभिभावकों से अनुरोध करती हूं कि वे जिम्मेदारी लें और सुनिश्चित करें कि उनके बच्चों को पोलियो का टीका समय पर मिले।’’

सरकार के बयान में कहा गया है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण के अंतराल को कम करने के लिए इस साल के अंत में दो बार व्यापक स्तर घर-घर टीकाकरण अभियान चलाए जाने की योजना बनाई गई है।

पोलियो आपात अभियान केंद्र के लिए राष्ट्रीय समन्वयक मोहम्मद अनवारुल हक ने टीकाकरण का दायरा बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘‘हर नया मामला हमें टीकाकरण के बीच के बढ़ते अंतराल की याद दिलाता है।’’

‘डॉन’ अखबार ने हक के हवाले से लिखा, ‘‘जब एक बच्चे का टीकाकरण नहीं होता है तो वायरस जीत जाता है। आइए अपने बच्चों की सलामती और सबसे अहम वायरस को रोकने के लिए मिलकर काम करें।’’

भाषा सुरभि रंजन

रंजन



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