पाकिस्तान पंजीकृत अफगान शरणार्थियों को वापस भेजेगा |

Ankit
3 Min Read


(सज्जाद हुसैन)


इस्लामाबाद, चार फरवरी (भाषा) पाकिस्तान सरकार ने पंजीकृत अफगान शरणार्थियों को इस्लामाबाद और रावलपिंडी से हटाने तथा चरणबद्ध तरीके से वापस उनके देश भेजने की योजना बनाई है।

‘डॉन’ अखबार ने सूत्रों के हवाले से प्रकाशित खबर में बताया कि प्राधिकारियों को बिना किसी सार्वजनिक घोषणा के इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया गया है।

खबर के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते हुई बैठकों में इस योजना को अंतिम रूप दिया गया।

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने पुष्टि की कि इनमें से एक बैठक में सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर भी शामिल हुए थे।

खबर के अनुसार, अफगान शरणार्थियों को स्वदेश भेजे जाने की योजना के पहले चरण के तहत अफगान नागरिक कार्ड (एसीसी) धारी अफगान नागरिकों को इस्लामाबाद और रावलपिंडी से “तत्काल” दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा।

खबर में कहा गया है कि एसीसी धारी अफगान नागरिकों को अवैध और बिना दस्तावेज वाले अफगान नागरिकों के साथ वापस अफगानिस्तान भेज दिया जाएगा।

एसीसी एनएडीआरए (राष्ट्रीय दत्तनिधि एवं पंजीकरण प्राधिकरण) की ओर से पंजीकृत अफगान नागरिकों को जारी किया जाने वाला एक पहचान दस्तावेज है।

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) के अनुसार, एसीसी अफगान नागरिकों को पाकिस्तान में रहने के दौरान अस्थायी कानूनी दर्जा प्रदान करता है। हालांकि, यह तय करना संघीय सरकार के हाथों में होता है कि एसीसी कितने दिनों के लिए वैध होगा।

‘डॉन’ की खबर के अनुसार, पंजीकरण प्रमाण पत्र (पीओआर) धारी अफगान नागरिकों को पाकिस्तान में कानूनी रूप से रहने की अनुमति के बावजूद योजना के दूसरे चरण में वापस भेजा जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट ने पीओआर धारी अफगान नागरिकों को जून तक देश में रहने की अनुमति दी है और उन्हें तुरंत निर्वासित न कर इस्लामाबाद और रावलपिंडी से “बाहर” ले जाया जाएगा।

पाकिस्तान में पीओआर और एसीसी धारी अफगान नागरिकों की संख्या क्रमशः 13 लाख और सात लाख होने का अनुमान है।

सूत्रों के मुताबिक, अन्य देशों में पुनर्वास की इजाजत मिलने का इंतजार कर रहे अफगान नागरिकों को 31 मार्च तक इस्लामाबाद और रावलपिंडी से हटाने का फैसला किया गया है।

उन्होंने बताया कि जिन अफगान नागरिकों को किसी तीसरे देश में पुनर्वासित नहीं किया जा सका, उन्हें भी अफगानिस्तान वापस भेजने का निर्णय लिया गया है।

भाषा

पारुल

पारुल



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *