मुंबई, 24 फरवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कहा कि 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन हासिल करने के लिए वित्त जुटाना महत्वपूर्ण है और इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए देश को 32 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
मंत्री ने इस क्षेत्र में वित्त पोषण को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन का आह्वान करते हुए वित्तीय संस्थानों से ऋण देने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, अनावश्यक अनुपालन बोझ को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए अधिक सहायक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।
मंत्री ने यहां केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के लिए वित्त जुटाने पर आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि कुल मिलाकर 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 32 लाख करोड़ रुपये की राशि की आवश्यकता है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, जोशी ने कहा कि कार्यशाला का विचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के बाद सामने आया। इसमें पीएम सूर्य घर और पीएम-कुसुम जैसी प्रमुख योजनाओं में तेजी लाने पर चर्चा की गई।
विज्ञप्ति के अनुसार, कार्यशाला में चार प्रमुख सत्र आयोजित किए गए, जिनमें ग्रिड से जुड़ी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण परिदृश्य, नई और उभरती हुई नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी के लिए वित्तपोषण, वितरित नवीकरणीय ऊर्जा और नवीन नवीकरणीय ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिए वित्तपोषण चुनौतियां तथा बैंकों और एनबीएफसी के लिए विनियामक और क्षमता निर्माण उपाय शामिल थे।
भाषा अनुराग रमण
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