परिवार ने कहा कि किशोर मदरसे में पढ़ाई करता था, क्रिकेट में नहीं उसकी रुचि |

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(ज्ञानेश चव्हाण )


मुंबई, नौ मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में एक क्रिकेट मैच के दौरान भारत विरोधी नारे लगाने के आरोपी 15 वर्षीय किशोर और उसके परिवार पर मामला दर्ज होने के कुछ सप्ताह बाद, उन्होंने दावा किया है कि किशोर पढ़ाई के लिए मदरसे में जाता था और उसकी क्रिकेट खेलने या मैच देखने में कोई रुचि नहीं थी।

मालवण के तारकरली रोड इलाके में 23 फरवरी को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने को लेकर लड़के, उसके पिता (जो कबाड़ के कारोबारी हैं) और उसकी मां के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी।

मामले में दंपति को गिरफ्तार किया गया था और किशोर को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया।

घटना के कुछ दिन बाद नगर निगम प्रशासन ने परिवार की दुकान और घर को अनधिकृत संरचना बताकर ध्वस्त कर दिया। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद आरोपी कबाड़ व्यापारी के भाई का गोदाम भी ध्वस्त कर दिया गया और भूस्वामी को नोटिस जारी किया गया।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले परिवार ने आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने उनके बेटे को फंसाने के लिए कुछ खास शब्दों का इस्तेमाल कर उसे बातचीत में उलझा लिया था।

सिंधुदुर्ग के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मामले की जांच चल रही है, लेकिन उनके पास किशोर द्वारा लगाए गए नारे का कोई ऑडियो या वीडियो क्लिप नहीं है।

मामले की जांच कर रहे एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आरोपी जमानत पर हैं और पुलिस जल्द ही मामले में आरोपपत्र दाखिल करेगी।

आरोपी किशोर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उस कथित घटना के बाद उसकी जिंदगी में बुरा दौर शुरू हो गया। उसने बताया कि वह एक मस्जिद में रात की नमाज अदा करने के बाद घर लौट रहा था, तभी एक व्यक्ति ने उसे रोकने की कोशिश की और उसका नाम पूछा।

किशोरी ने कहा, ‘‘शुरू में मैंने डर के कारण गलत नाम बताकर उससे बचने की कोशिश की, लेकिन उस आदमी ने मुझे फिर रोका और पूछा कि क्या मैंने क्रिकेट मैच देखा है। मैंने उससे कहा कि मैं क्रिकेट मैच नहीं देखता, क्योंकि मेरे पास समय नहीं है और न ही रुचि है।’’

लड़के ने दावा किया कि उस व्यक्ति ने उससे पूछा कि वह भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान किस टीम का समर्थन करेगा इसके जवाब में उसने कहा कि वह भारत को चुनेगा।

किशोर ने दावा किया, ‘‘उस व्यक्ति ने हंगामा खड़ा कर दिया और पीछे खड़े एक अन्य व्यक्ति को बुलाया और दावा किया कि मैंने भारत विरोधी नारा लगाया है। उन्होंने मुझे दो-तीन थप्पड़ मारे।’’

किशोर ने बताया कि ‘‘वे मेरे पिता से मिलने के लिए साथ ही घर आए जो उस समय वहां मौजूद नहीं थे।’’

उसने दावा किया कि जल्द ही घर के बाहर लोग इकट्ठा हो गए और उन लोगों और उसके माता-पिता के बीच हाथापाई शुरू हो गई। जो लोग पहले उससे बहस कर रहे थे, वे हंस रहे थे।

मामले में गिरफ्तार किये नाबालिग के 38 वर्षीय पिता ने कहा कि उनका बेटा निर्दोष है।

उन्होंने दावा किया, “उसे क्रिकेट में कोई रुचि नहीं है और वह मैच भी नहीं देखता। दो लोगों ने जानबूझकर ऐसा किया और यह हमें परेशान करने की पूर्व नियोजित चाल थी।”

पिता के मुताबिक उनका बेटा मदरसे में पढ़ता है और उसे छुट्टियां भी नहीं मिलतीं।

उन्होंने कहा, “मैं अपने भाई-बहनों के साथ 20 साल से अधिक समय से मालवण में रह रहा हूं। हम केवल अपने परिवार और कबाड़ के कारोबार में ही शामिल हैं और किसी विवाद में नहीं पड़ते।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि दो लोग पहले उनके घर आये और शिकायत की कि उनके बेटे ने भारत विरोधी नारे लगाये हैं और उन्होंने उसकी पिटाई कर दी।

आरोपी के पिता ने बताया कि बाद में कुछ अन्य लोग आये और उनसे मामले को न बढ़ाने को कहा और वे वहां से चले गये।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ समय बाद 30-35 से अधिक लोग मेरे घर आए और हमें पीटना शुरू कर दिया। यह सच है कि जब कुछ लोगों ने हमारे बेटे को पीटना शुरू किया तो जवाबी कार्रवाई में मेरी पत्नी ने प्लास्टिक की कुर्सी उठा ली, लेकिन उसने किसी को नहीं मारा और हाथापाई के दौरान उसे धक्का लग गया।’’

निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पिता ने कहा कि परिवार पुलिस थाने गया और उनके खिलाफ भारत विरोधी नारे लगाने का मामला दर्ज कर लिया गया।

इस घटना के परिणामस्वरूप, मालवण के कुछ गांवों की ग्राम पंचायतों ने निर्णय लिया कि अन्य राज्यों के लोगों को बिना अनुमति के अपना व्यवसाय चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत



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