नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने पनामा के लिए निर्वासन उड़ानों के बारे में कुछ खबरें देखी हैं और नयी दिल्ली “विवरणों का सत्यापन” कर रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि संबंधित व्यक्ति भारतीय नागरिक हैं या नहीं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, “सत्यापन कार्य पूरा होने के बाद, इन भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी की व्यवस्था की जाएगी।”
अवैध आव्रजन को रोकने के लिए उठाए गए किसी कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हम इस समस्या से पूरी ताकत से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” कई पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या पनामा के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर भारत से संपर्क किया है।
जायसवाल ने कहा, “हमने पनामा और कोस्टा रिका के लिए निर्वासन उड़ानों के बारे में कुछ खबरें देखी हैं। हमें लगता है कि ऐसा अमेरिका और संबंधित सरकारों के बीच एक व्यवस्था के अनुसार किया गया है। कोस्टा रिका और पनामा दोनों ने निर्वासितों के लिए पारगमन देश के रूप में सेवा देने पर सहमति व्यक्त की है, जबकि अमेरिका अभियान पर आने वाला पूरा खर्च वहन करेगा।”
उन्होंने बताया कि इन निर्वासितों को एक होटल में रखा गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमें पता चला है कि वहां कुछ भारतीय नागरिक भी हो सकते हैं… और पनामा में हमारा मिशन, जिसे कोस्टा रिका से भी मान्यता प्राप्त है, स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है।”
उन्होंने कहा कि पनामा के मामले में भारत इस बात को सत्यापित कर रहा है कि संबंधित व्यक्ति भारतीय नागरिक हैं या नहीं।
उन्होंने कहा, “जब सत्यापन का काम पूरा हो जाएगा, तब इन भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी की व्यवस्था की जाएगी।”
उन्होंने कहा कि कोस्टा रिका के मामले में, “हालांकि हमने सुना है कि कुछ लोगों को अमेरिका से भेजा गया है, लेकिन यह बात हमें मीडिया के माध्यम से पता चली है। आधिकारिक तौर पर, हमें अभी कोस्टा रिका की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है।”
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जायसवाल ने कहा, “हां, हम वहां पनामा सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारा दूतावास वहां नियमित संपर्क में है। उन्हें राजनयिक पहुंच मिली है। ”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया जिसमें अवैध आव्रजन निपटने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
जायसवाल ने कहा कि इस मामले पर भारत में उच्चतम स्तर पर चर्चा हुई है और वाशिंगटन में भी इस मामले पर विचार विमर्श हुआ।
भाषा
प्रशांत जोहेब
जोहेब