पटना, 28 दिसंबर (भाषा) पटना जिला प्रशासन ने शनिवार को कहा कि उसने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 13 दिसंबर को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों की बैठक आयोग के अधिकारियों से कराने का प्रस्ताव रखा है, ताकि वे अपनी शिकायतें रख सकें।
बीपीएससी द्वारा आयोजित 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई), 2024 का प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण अभ्यर्थी एक सप्ताह से अधिक समय से परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए अपने पांच प्रतिनिधियों को नामित करना होगा, जिसके बाद बीपीएससी (मुलाकात के लिए) ‘‘उचित समय के भीतर’’ निर्णय लेगा।
सिंह ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को अपने प्रतिनिधियों (सभी परीक्षार्थी) की सूची देने को कहा है, ताकि हम इस मुद्दे पर बीपीएससी अधिकारियों के साथ उनकी बैठक करवा सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे बैठक में आयोग के अधिकारियों को अपनी शिकायतों से अवगत करा सकते हैं। जिला प्रशासन भी प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को आश्वस्त करता है कि आयोग उचित समय के भीतर उचित निर्णय या रुख अपनाएगा।’’
सिंह ने कहा कि आयोग एक स्वतंत्र निकाय है और वह अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।
बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को अभ्यर्थियों के एक समूह द्वारा उत्पन्न किए गए व्यवधान के कारण रद्द करने का निर्णय लिया था। पुनर्परीक्षा चार जनवरी को शहर के किसी अन्य केंद्र पर आयोजित की जाएगी।
प्रदर्शनकारी कई दिन से गर्दनी बाग में धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि सभी केंद्रों पर हुई परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया जाना चाहिए, क्योंकि केवल एक केंद्र के लिए पुनर्परीक्षा ‘‘समान अवसर’’ के सिद्धांत के विरुद्ध होगी।
इस बीच, पटना पुलिस ने कोचिंग संस्थानों से जुड़े कुछ लोगों को नोटिस जारी किया है और कथित तौर पर प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को भड़काने एवं शहर में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए निर्धारित स्थल गर्दनी बाग में छात्रों को संबोधित करते हुए कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।
जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘हां, इस संबंध में पटना पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजे हैं। उन्हें आज गर्दनी बाग थाने में पुलिस के समक्ष पेश होने को कहा गया है… उन्हें प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए सरकारी अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों के संबंध में सबूत पेश करने होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने इस संबंध में पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर ली है।’’
हालांकि, जिलाधिकारी ने उन लोगों के नाम बताने से इनकार कर दिया, जिन्हें पुलिस के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
भाषा सुरेश नेत्रपाल
नेत्रपाल