चंडीगढ़, 16 मार्च (भाषा) पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के तीन साल पूरे होने के अवसर पर विपक्षी दलों ने रविवार को उस पर निशाना साधा। विपक्ष ने दावा किया कि आप सरकार पूरी तरह विफल रही है और उसने लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई ने आप सरकार के खिलाफ कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि उसने अपने चुनावी वादे पूरे नहीं किए।
आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब की कुल 117 विधानसभा सीट में से 92 पर जीत दर्ज कर 2022 में सरकार बनाई थी।
भाजपा की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भगवंत मान सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आप सरकार के तहत राज्य 30 साल पीछे चला गया है।
उन्होंने कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के मुद्दे पर राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि यह अपने सबसे खराब स्तर पर है तथा पिछले कुछ महीनों में हुई दर्जनों विस्फोट की घटनाएं इसका प्रमाण हैं।
जाखड़ ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया, ‘‘इस समय पंजाब में केवल अरविंद केजरीवाल ही सुरक्षित हैं, जिन्हें पंजाब पुलिस ने वृहद पैमाने पर सुरक्षा मुहैया कराई है, जबकि उनके पास ऐसा कोई संवैधानिक पद भी नहीं है। पंजाब के बाकी सभी आम लोगों को असुरक्षित छोड़ दिया गया है।’’
जाखड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘‘अक्षम’’ शासन के कारण पंजाब को ‘‘आर्थिक दिवालियापन के कगार’’ पर ला खड़ा किया है।
जाखड़ की राय से सहमति जताते हुए भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव अनिल सरीन ने आप सरकार पर आरोप लगाया कि उसने पिछले तीन वर्षों में राज्य में कोई विकास नहीं किया है और केवल राज्य को ‘लूटा’ है।
कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने आप सरकार पर राज्य को हर तरह से बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये ‘‘पंजाब के लोगों के साथ विश्वासघात और धोखे के तीन साल’’ हैं।
कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार पूरी तरह विफल है।
भाषा धीरज दिलीप
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