चंडीगढ़, 15 फरवरी (भाषा) फर्जी आव्रजन सलाहकारों (कंसल्टेंट्स) के खिलाफ जारी कार्रवाई के बीच पंजाब पुलिस की प्रवासी भारतीय (एनआरआई) मामलों की शाखा ने शनिवार को पटियाला से एक ट्रैवल एजेंट को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान अनिल बत्रा के रूप में हुई है, जिसने हाल ही में अमेरिका से निर्वासित लोगों में से एक के लिए अवैध आव्रजन प्रक्रिया में कथित तौर पर मदद की थी।
पीड़ितों में से एक द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर यह कार्रवाई की गई। 104 भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान पांच फरवरी को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था। दूसरे अमेरिकी विमान के 119 अवैध भारतीय प्रवासियों के साथ आज रात अमृतसर में उतरने के संभावना है।
ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिन्होंने कथित तौर पर लोगों को अमेरिका में प्रवेश की सुविधा देने के झूठे वादे के साथ धोखा दिया।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने पीड़ितों की शिकायतों की जांच के लिए अतिरिक्त डीजीपी (एनआरआई मामले) प्रवीण सिन्हा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
एसआईटी निर्वासित व्यक्तियों को आगे आने और यह सुनिश्चित करने में सहायता करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है कि कानून का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जा सके।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बत्रा को एनआरआई मामलों (पटियाला) के एसपी गुरबंस सिंह बैंस की देखरेख में एनआरआई पटियाला पुलिस थाने के प्रभारी अभय सिंह चौहान के नेतृत्व में एक टीम ने गिरफ्तार किया।
कुरुक्षेत्र के शांति नगर के निवासी बत्रा को पटियाला में उनकी ससुराल से गिरफ्तार किया गया।
बत्रा के खिलाफ आठ फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें उसके खिलाफ उत्प्रवास अधिनियम और कानून के अन्य प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। बत्रा पर शिकायतकर्ता के लिए सूरीनाम का वीजा और टिकट की व्यवस्था करके अवैध आव्रजन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने का आरोप है।
सूरीनाम पहुंचने के बाद, पीड़ित ने सड़क के रास्ते दक्षिण अमेरिका के अन्य देशों की यात्रा की, जिसमें ब्राजील या कोलंबिया शामिल था, जहां से वह मध्य अमेरिका में पहुंच गया।
बयान में कहा गया है कि मध्य अमेरिका में, उसने पनामा, कोस्टा रिका, निकारागुआ, होंडुरास, ग्वाटेमाला और मैक्सिको सहित कई देशों की यात्रा की और अंततः तस्करों की मदद से अवैध रूप से अमेरिका पहुंचा।
भाषा संतोष पवनेश
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