न्यायालय ने 40 साल बाद तीन दोषियों की उम्रकैद की सजा घटाकर सात साल की |

Ankit
2 Min Read


नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के एक गांव में बच्चों के बीच आम को लेकर हुए मामूली झगड़े के बाद एक ग्रामीण की पीट-पीटकर हत्या करने के लिए तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के 40 साल बाद उच्चतम न्यायालय ने उनकी उम्रकैद की सजा को घटाकर सात साल की जेल में बदल दिया है।


वर्ष 1984 में, तीन लोगों पर अपने गांव के एक व्यक्ति के सिर पर लाठी मारकर उसकी हत्या करने का मामला दर्ज किया गया था।

अधीनस्थ अदालत ने 1986 में उन्हें हत्या के लिए दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि 2022 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य के गोंडा जिले की अदालत द्वारा उन्हें दी गई सजा को बरकरार रखा।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता, मृतक को लगी चोटों की प्रकृति और प्रयुक्त हथियार ‘लाठी’ की प्रकृति पर विचार करते हुए, ‘‘हम इस तर्क को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं कि यह वास्तव में गैर इरादतन हत्या का मामला है और यह हत्या नहीं है।’’

पीठ ने कहा कि मामले के सभी प्रत्यक्षदर्शियों के बयान से यह बात सामने आई है कि यह पूर्व नियोजित हत्या का मामला नहीं था।

पीठ ने 24 जुलाई के अपने आदेश में यह बात कही, जिसे हाल ही में शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।

पीठ ने सभी अपीलकर्ताओं की आजीवन कारावास की सजा को सात वर्ष के सश्रम कारावास में परिवर्तित कर दिया।

भाषा शफीक रंजन

रंजन



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *