न्यायालय ने लंबित मामलों को कर्नाटक उच्च न्यायालय किया स्थानांतरित |

Ankit
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(फाइल फोटो के साथ)


नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने अमेजन तथा फ्लिपकार्ट की उन याचिकाओं को सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया, जिसमें कंपनियों ने कथित कदाचार के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के उनके खिलाफ जांच शुरू करने के आदेश को चुनौती दी है।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि यदि स्थानांतरित याचिकाओं में से कुछ में दलीलों पर जिरह पूरी नहीं हुई है तो मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश इसके लिए उचित समय देंगे।

पीठ ने कहा, ‘‘ यह उचित होगा कि इस स्थानांतरण याचिका की विषय-वस्तु वाली सभी याचिकाओं को सुनवाई के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए। ’’

अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय को बताया किया कि निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा वर्तमान याचिका दायर किए जाने के बाद विभिन्न उच्च न्यायालयों में पांच याचिकाएं दायर की गई हैं।

न्यायालय ने निर्देश दिया कि इन याचिकाओं को कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए।

पीठ ने कहा, ‘‘ यदि इसके बाद किसी अन्य उच्च न्यायालय में इसी प्रकार की याचिकाएं दायर की जाती हैं तो वे भी इस आदेश के अंतर्गत आएंगी। ’’

शीर्ष अदालत ने इससे पहले सीसीआई द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया था। सीसीआई ने ई-कॉमर्स दिग्गजों द्वारा दायर याचिकाओं को उच्च न्यायालयों से शीर्ष अदालत या दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था।

निष्पक्ष व्यापार नियामक ने फ्लिपकार्ट और अमेजन पर उनके मंच पर भारी छूट तथा पसंदीदा विक्रेताओं के साथ गठजोड़ सहित कदाचार के आरोपों के बाद जांच का आदेश दिया है।

सीसीआई का जांच आदेश दिल्ली व्यापार महासंघ की शिकायत के बाद आया, जिसके सदस्यों में स्मार्टफोन और संबंधित सहायक उपकरण के कई व्यापारी शामिल हैं।

अमेजन और फ्लिपकार्ट ने सीसीआई के जांच आदेश को चुनौती देते हुए विभिन्न उच्च न्यायालयों में अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा



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