नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) राज्यपाल सी वी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच बढ़ते विवाद के बीच उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार से सहायता प्राप्त सभी 36 विश्वविद्यालयों के प्रमुख के तौर पर केवल नियमित कुलपतियों की नियुक्ति की जाएगी।
कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य में दो शीर्ष संवैधानिक पदाधिकारियों के बीच खींचतान को खत्म करने के लिए शीर्ष अदालत ने आठ जुलाई को नियुक्तियों की निगरानी के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता में एक खोज-सह-चयन समिति का गठन किया था।
शीर्ष अदालत ने 29 जुलाई को पारित एक आदेश में स्पष्ट किया कि कुलपतियों की नियुक्ति के संबंध में कोई अंतरिम व्यवस्था नहीं होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य सरकार से सहायता प्राप्त सभी 36 विश्वविद्यालयों में नियमित कुलपतियों की नियुक्ति होगी।’’
पीठ ने मामले के पक्षकारों द्वारा दिए गए सुझाव का समर्थन किया कि तीन विश्वविद्यालयों – अलिया विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपतियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष होनी चाहिए। यह भी कहा गया है कि शेष विश्वविद्यालयों के लिए कुलपति की सेवानिवृत्ति की उम्र 70 वर्ष होगी।
न्यायालय ने न्यायमूर्ति ललित के नेतृत्व वाले पैनल को कुलपति के रूप में नियुक्ति करने के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची बनाने के लिए व्यापक अधिकार दिए हैं।
भाषा संतोष नेत्रपाल
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