नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऊर्जा क्षेत्र की वैश्विक कंपनी बीपी और सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ने मिलकर खुला क्षेत्र लाइसेंस नीति के तहत बोली के नौवें दौर में गुजरात अपतटीय तेल ब्लॉक हासिल किया है। इस बोली में ओएनजीसी ने ज्यादातर क्षेत्र हासिल किये, जबकि वेदांता को सात ब्लॉक मिले।
यह पहली बार है जब ओएनजीसी ने किसी उद्यम के लिए अन्य कंपनियों के साथ मिलकर काम किया है।
रिलायंस, बीपी और ओएनजीसी के समूह ने जीएस-ओएसएचपी-2022/2 ब्लॉक जीता। इसे खुला क्षेत्र लाइसेंस नीति (ओएएलपी-आईएक्स) के नौवें बोली दौर के तहत पेश किया गया था।
सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और उसके भागीदारों ने कुल 15 ब्लॉक जीते। ओएनजीसी ने 11 ब्लॉक अपने दम पर और शेष चार भागीदारों के साथ मिलकर जीते।
अधिकारियों ने कहा कि खनन क्षेत्र के दिग्गज अनिल अग्रवाल की वेदांता ने सात ब्लॉक जीते। कंपनी ने प्रस्तावित सभी 28 ब्लॉक के लिए बोली लगाई थी।
बीपी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें यह पुष्टि करते हुए खुशी हो रही है कि हमने ओएएलपी नौवें दौर की बोली में ब्लॉक जीएस-ओएसएचपी-2022/2 (सौराष्ट्र बेसिन) के लिए ओएनजीसी (40 प्रतिशत), आरआईएल (30 प्रतिशत) और बीपी (30 प्रतिशत) के समूह के तहत एक नए अन्वेषण लाइसेंस के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह रणनीतिक सहयोग भारत की सबसे बड़ी राष्ट्रीय तेल और गैस कंपनी ओएनजीसी, सबसे बड़े भारतीय समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज और वैश्विक ऊर्जा प्रमुख बीपी की विशेषज्ञता को एक साथ लाया है। यह भारत के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है।’’
ऑयल इंडिया लि. ने खुद से छह ब्लॉक और ओएनजीसी के साथ संयुक्त उद्यम के तहत तीन ब्लॉक हासिल किये।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी की मौजूदगी में यहां एक कार्यक्रम में ओएएलपी के नौवें दौर के तहत ब्लॉक के लिए अनुबंधों पर हस्ताक्षर किये गये।
इस दौर में, तेल और गैस की खोज और उत्पादन के लिए 1.36 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले 28 ब्लॉक पेश किए गए थे।
खुला क्षेत्र लाइसेंस नीति (ओएएलपी-आठ) के पिछले आठवें दौर में, ओएनजीसी ने गहरे समुद्र क्षेत्र कृष्णा गोदावरी बेसिन ब्लॉक के लिए बोली नहीं लगाई थी। इसके लिए रिलायंस-बीपी समूह ने बोली लगायी थी।
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) की महानिदेशक पल्लवी जैन ने कहा कि ओएएलपी के तहत पिछली बोलियों के आठ दौर में 3.77 अरब डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता जतायी गयी है।
भाषा रमण अजय
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