नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकता की;धनंजय मुंडे को कैबिनेट से हटाने की मांग |

Ankit
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मुंबई, छह जनवरी (भाषा) नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से मुलाकात की और बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए मंत्री धनंजय मुंडे को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की।


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुरेश धस सहित नेताओं ने राजभवन में राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनसे कानून के शासन और न्याय प्रणाली में जनता के विश्वास को बनाये रखने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया गया।

बीड जिले के मसाजोग के सरपंच देशमुख को नौ दिसंबर को कथित तौर पर कुछ लोगों द्वारा पनचक्की कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास का विरोध करने को लेकर अपहृत कर लिया गया था और बाद में प्रताड़ित करने के पश्चात उनकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने अब तक हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मिक कराड को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

नेताओं ने मुंडे के इस्तीफे, कराड के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने, लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और बीड में जबरन वसूली और गुंडागर्दी पर अंकुश लगाने की मांग की।

ज्ञापन में कहा गया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान जबरन वसूली की गतिविधियां बढ़ गई थीं और बाद में देशमुख की हत्या कर दी गई।

नेताओं ने ज्ञापन में दावा किया 28 मई, 2024 को अवाडा पावर प्राइवेट लिमिटेड के एक अधिकारी का अपहरण कर लिया गया था, जिसे अहिल्यानगर पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई के बाद छुड़ाया गया। हालांकि नेताओं ने बीड पुलिस के सक्रियता नहीं दिखाने के लिए आलोचना की।

उन्होंने आरोप लगाया कि कराड ने अवाडा अधिकारियों को बार-बार धमकियां दीं, दो करोड़ रुपये की मांग की और छह दिसंबर, 2024 को उनके सहयोगियों ने कथित तौर पर कंपनी के मसाजोग स्टोरयार्ड में सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया।

ज्ञापन में कहा गया है कि देशमुख का कथित तौर पर नौ दिसंबर को अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई और दूसरों को डराने के लिए अपराध का एक वीडियो प्रसारित किया गया। इसमें कहा गया है कि शव एक पड़ोसी गांव में मिला।

नेताओं ने कहा कि मसाजोग के निवासियों ने अगले दिन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन जनता के बढ़ते दबाव के बाद ही मामला दर्ज किया गया।

ज्ञापन में कहा गया है कि 31 दिसंबर 2024 को कराड ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से अपने आत्मसमर्पण की घोषणा की और आत्मसमर्पण के दौरान पुणे में सीआईडी ​​मुख्यालय में भीड़ जमा हो गई, जिससे अव्यवस्था उत्पन्न हुई।

नेताओं ने दावा किया कि कराड के साथ कथित तरजीही व्यवहार और जांच पर शक्तिशाली व्यक्तियों के प्रभाव के बारे में सवाल उठाए गए हैं।

ज्ञापन पर पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति, बीड से राकांपा (शरद चंद्र पवार) सांसद बजरंग सोनवणे, कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार, विधायक जितेंद्र आव्हाड सहित अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं।

भाषा अमित नरेश

नरेश



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